Chod Mat Jajo Ji Maharaj

म्हारी लाज छोड़ मत जाजो जी महाराज मैं अबला बल नाहिं गुसाईं, तुम मेरे सिरताज मैं गुणहीन गुण नाहिं गुसाईं, तुम समरथ महाराज थाँरी होय के किणरे जाऊँ, तुम हिवड़ा रा साज मीराँ के प्रभु और न कोई, राखो म्हारी लाज

Chod Jhamela Jhuthe Jag Ka Kah Gaye Das Kabir

मिथ्या संसार छोड़ झमेला झूठे जग का, कह गये दास कबीर उड़ जायेगा साँस का पंछी, शाश्वत नहीं शरीर तुलसीदास के सीता राघव उनसे मन कर प्रीति रामचरित से सीख रे मनवा, मर्यादा की रीति बालकृष्ण की लीलाओं का धरो हृदय में ध्यान सूरदास से भक्ति उमड़े करो उन्हीं का गान मीरा के प्रभु गिरिधर […]

Nam Japan Kyon Chod Diya

नाम-जप नाम जपन क्यों छोड़ दिया क्रोध न छोड़ा, झूँठ न छोड़ा, सत्य वचन क्यों छोड़ दिया झूठे जग में जी ललचा कर, असल देश क्यों छोड़ दिया कौड़ी को तो खूब सम्भाला, लाल-रतन क्यों छोड़ दिया जिहि सुमिरन ते अति सुख पावे, सो सुमिरन क्यों छोड़ दिया रे नर इक भगवान भरोसे, तन-मन-धन क्यों […]