Deh Dhara Koi Subhi Na Dekha

दुःखी दुनिया देह धरा कोई सुखी न देखा, जो देखा सो दुखिया रे घाट घाट पे सब जग दुखिया, क्या गेही वैरागी रे साँच कहूँ तो कोई न माने, झूट कह्यो नहिं जाई रे आसा तृष्णा सब घट व्यापे, कोई न इनसे सूना रे कहत ‘कबीर’ सभी जग दुखिया, साधु सुखी मन जीता रे

Dekha Dekha Yashoda Tera Lal

श्रीकृष्ण माधुरी देखा देखा यशोदा तेरा लाल मैंने देखा कस्तूरी का तिलक बिराजे, उर पचरंगी माल मोर पखा सिर ऊपर सोहे, घूँघर वारे बाल पीताम्बर को कटि में धारे, काँधे कारी शाल कानों में तो कुण्डल सोहे और लालिमा गाल चरणों में नुपूर छमकाये, चले लटकनी चाल यमुना तट पे रास रचाये, नाचे दे-दे ताल […]

Maine Dekha Yashoda Tera Lal Dekha Dekha

मोहन की मोहिनी मैंने देखा यशोदा तेरा लाल, देखा देखा कस्तूरी का तिलक बिराजे, उर पचरंगी माल मोर मुकुट तो सिर पर सोहे, घुँघर वाले बाल पीताम्बर को कटि में धारे, काँधे कारी शाल कानों में तो कुण्डल सोहे, और लालिमा गाल चरणों में नूपुर छमकाये, चले लटकनी चाल यमुना-तट पे रास रचाये, नाचे दे […]