Anguli Par Dhar Giriraj

गिरिधारी अँगुली पर धर गिरिराज नाम गिरधारी पायो है बन्द हुयो सुरपति पूजन, गिरिराज पुजायो है सवा लाख मण सामग्री को, भोग लगायो है पड़ी स्वर्ग में खबर, क्रोध शचीपति को आयो है मूसलधार अपार बहुत ही, जल बरसायो है पड़ी न ब्रज पर बूँद, इन्द्र मन में घबरायो है ब्रजवासी सब कहें श्याम, गिरिराज […]

Mathe Par Gagar Dhar Paniya Bharan Chanli

कन्हैया का जादू माथे पर गागर धर पनिया भरन चली जमना के तीर सुन वेणु को अटकी नंदजी को लाल प्यारो, कदंब के नीचे ठाड़ो अँखियन की चोट मेरे, हिय माँह खटकी एक घरी बीत गई, तन की सुध ना रही ठगोरीसी ठाड़ी भई, छूटी कर मटकी मोहन को रूप निरख, प्रेम को प्रवाह चल्यो […]