Anupranit Vaidik Dharma Kiya

आद्य शंकराचार्य अनुप्राणित वैदिक धर्म किया, श्रद्धा से उनका स्मरण करें वे ज्ञान मूर्ति शंकर ही थे, हम सादर उन्हें प्रणाम करें जब धर्म अवैदिक फैल गया तो ब्रह्मवाद हो गया मन्द अवतरित हुए शंकराचार्य तो श्रुति विरोध का हुआ अंत आचार्य-चरण से सुलभ हमें स्तुतियाँ श्रेष्ठ प्रभु-विग्रह की श्रद्धापूर्वक हम गान करें, हो सुदृढ़ […]

Garharsthya Dharma Sarvottam Hi

गृहस्थ जीवन गार्हस्थ्य धर्म सर्वोत्तमही इन्द्रिय-निग्रह व सदाचार, अरु दयाभाव स्वाभाविक ही सेवा हो माता पिता गुरु की, परिचर्या प्रिय पति की भी हो ऐसे गृहस्थी पर तो प्रसन्न, निश्चय ही पितर देवता हो हो साधु, संत, सन्यासी के, जीवनयापन का भी अधार जहाँ सत्य, अहिंसा, शील तथा, सद्गुण का भी निश्चित विचार  

Jo Pran Tyage Dharma Hit

प्राणोत्सर्ग जो प्राण त्यागे धर्म हित, वह सद्गति को प्राप्त हो सम्राट नामी थे दिलीप, गौ-नन्दिनी भयग्रस्त थी दबोच रक्खा था उसे बली सिंह ने, संकट में थी तब गौ की रक्षा हेतु से, महाराज बोले सिंह को अपनी क्षुधा को शान्त कर, खा ले तूँ मेरी देह को गौ कामधेनु की सुता थी, जिसको […]

Sab Se Bada Dharma Ka Bal Hai

धर्म निष्ठा सबसे बड़ा धर्म का बल है वह पूजनीय जिसको यह बल, जीवन उसका ही सार्थक है ऐश्वर्य, बुद्धि, विद्या, धन का, बल होता प्रायः लोगों को चाहे शक्तिमान या सुन्दर हो, होता है अहंकार उसको इन सबसे श्रेष्ठ धर्म का बल, भवसागर से जो पार करे जिस ओर रहे भगवान् कृष्ण, निश्चय ही […]