Main To Ta Din Kajara Dehon

श्री कृष्ण से प्रीति मैं तो ता दिन कजरा दैहौं जा दिन नंदनँदन के नैननि, अपने नैन मिलैहौं सुन री सखी, यही जिय मेरे, भूलि न और चितैहौं अब हठ ‘सूर’ यहै व्रत मेरौ विष खाकरि मरि जैहौ

Bhajo Man Nish Din Shyam Sundar

नाम-स्मरण भजो मन निश-दिन श्यामसुन्दर, सुख-सागर भजो श्री राधावर सकल जगत् के जीवन-धन प्रभु करत कृपा अपने भक्तों पर ब्रज सुन्दरियों से सेवित जो, नव नीरद सम वर्ण मनोहर त्रिभुवन-मोहन वेष विभूषित, शोभा अतुलित कोटि काम हर तरु कदम्ब तल यमुना तट पे, मुरली में भरते मीठा स्वर चरण-कमल में नूपुर बाजत, कटि धारे स्वर्णिम […]

Ye Din Rusibe Ke Nahi

दर्शन की प्यास ये दिन रूसिबै के नाहीं कारी घटा पवन झकझोरै, लता तरुन लपटाहीं दादुर, मोर, चकोर, मधुप, पिक, बोलत अमृत बानी ‘सूरदास’ प्रभु तुमरे दरस बिन, बैरिन रितु नियरानी

Main Sunata Hun Din Raat Prabhu

सौन्दर्य निधि श्याम मैं सुनता हूँ दिन रात प्रभु, तुम हो अनंत सौन्दर्य धाम यह रूप-माधुरी कैसी है, एक झलक दिखादो मुझे श्याम सुंदर स्वरूप प्रिय बातों ने, चित चोरा था गोपी-जन का सो तीव्र लालसा मुझको है, वह रूप देख लूँ मोहन का मैं हूँ अधीर दिन रात श्याम, कब दर्शन दोगे मुझे आप […]

Sab Din Gaye Vishay Ke Het

विस्मरण सब दिन गये विषय के हेत तीनों पन ऐसे ही बीते, केस भये सिर सेत रूँधी साँस, मुख बैन न आवत चन्द्र ग्रसहि जिमि केत तजि गंगोदक पियत कूप जल, हरि तजि पूजत प्रेत करि प्रमाद गोविंद, बिसार्यौ, बूड्यों कुटुँब समेत ‘सूरदास’ कछु खरच न लागत, रामनाम सुख लेत

Fagun Ke Din Char Re Hori Khel Mana Re

आध्यात्मिक होली फागुन के दिन चार रे, होरी खेल मना रे बिन करताल पखावज बाजै, अणहद की झणकार रे बिन सुर राग छतीसूँ गावै, रोम-रोम रणकार रे सील संतोष की केसर घोली, प्रेम प्रीति पिचकार रे उड़त गुलाल लाल भयो अंबर, बरसत रंग अपार रे घट के सब पट खोल दिये हैं, लोक लाज सब […]

Jivan Ke Din Char Re Man Karo Punya Ke Kam

नाशवान संसार जीवन के दिन चार रे, मन करो पुण्य के काम पानी का सा बुदबुदा, जो धरा आदमी नाम कौल किया था, भजन करूँगा, आन बसाया धाम हाथी छूटा ठाम से रे, लश्कर करी पुकार दसों द्वार तो बन्द है, निकल गया असवार जैसा पानी ओस का, वैसा बस संसार झिलमिल झिलमिल हो रहा, […]

Din Yu Hi Bite Jate Hain Sumiran Kar Le Tu Ram Nam

नाम स्मरण दिन यूँ ही बीते जाते हैं, सुमिरन करले तूँ राम नाम लख चौरासी योनी भटका, तब मानुष के तन को पाया जिन स्वारथ में जीवन खोया, वे अंत समय पछताते हैं अपना जिसको तूँने समझा, वह झूठे जग की है माया क्यों हरि का नाम बीसार दिया, सब जीते जी के नाते हैं […]

Jagat Main Jivan Do Din Ka

नश्वर संसार जगत् में जीवन दो दिन का पाप कपट कर माया जोड़ी, गर्व करे धन का सभी छोड़कर चला मुसाफिर, वास हुआ वन का सुन्दर काया देख लुभाया, लाड़ करे इसका श्वास बन्द हो बिखरे देही, ज्यों माला मनका यह संसार स्वप्न की माया, मिलना कुछ दिन का ‘ब्रह्मानंद’ भजन कर ले तूँ, जपो […]

Jagat Main Jivan Hai Din Char

सदुपदेश जगत में जीवन है दिन चार खरी कमाई से ही भोगो, किंचित सुख संसार मात-पिता गुरुजन की सेवा, कीजै पर उपकार पशु पक्षी जड़ सब के भीतर, ईश्वर अंश निहार द्वेष भाव मन से बिसराओ, करो प्रेम व्यवहार ‘ब्रह्मानंद’ तोड़ भव-बंधन, यह संसार असार