Jhumat Radha Sang Giridhar

होली झूमत राधा संग गिरिधर, झूमत राधा संग अबीर, गुलाल की धूम मचाई, उड़त सुगंधित रंग लाल भई वृन्दावन-जमुना, भीज गये सब अंग नाचत लाल और ब्रजनारी, धीमी बजत मृदंग ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, छाई बिरज उमंग

Mere To Giridhar Gopal

गिरिधर गोपाल मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई जाके सिर मोर –मुकुट, मेरो पति सोई छाँड़ि दई कुल की कानि, कहा करि है कोई संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक लाज खोई अँसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम-बेली बोई अब तो बेल फैल गई, आनँद फल होई दही की मथनिया, बड़े प्रेम से बिलोई माखन सब काढ़ि लियो, […]

Main Giridhar Ke Ghar Jau

प्रगाढ़ प्रीति मैं गिरिधर के घर जाऊँ गिरिधर म्हाँरो साँचो प्रीतम, देखत रूप लुभाऊँ रैन पड़ै तब ही उठ जाऊँ, भोर भये उठि आऊँ रैन दिना वाके सँग खेलूँ, ज्यूँ त्यूँ ताहि रिझाऊँ जो पहिरावै सोई पहिरूँ, जो दे सोई खाऊँ मेरी उनकी प्रीति पुरानी, उन बिन पल न रहाऊँ जहाँ बैठावे तितही बैठूँ, बेचे […]

Main Giridhar Ke Rang Rati

गिरिधर के रंग मैं गिरिधर के रंग राती पचरँग चोला पहर सखी मैं, झिरमिट रमवा जाती झिरमिट में मोहि मोहन मिलिग्यो, आनँद मंगल गाती कोई के पिया परदेस बसत हैं, लिख-लिख भेजें पाती म्हारे पिया म्हारे हिय में बसत हैं, ना कहुँ आती जाती प्रेम भट्ठी को मैं मद पीयो, छकी फिरूँ दिन राती ‘मीराँ’ […]

Main To Giridhar Aage Nachungi

समर्पण मैं तो गिरिधर आगे नाचूँगी नाच नाच मैं पिय को रिझाऊँ, प्रेमी जन को जाचूँगी प्रेम प्रीति के बाँध घुँघरूँ, सुरति की कछनी काछूँगी लोक लाज कुल की मर्यादा, या मैं एक न राखूँगी पिया के चरणा जाय पडूँगी, ‘मीराँ’ हरि रँग राचूँगी