Baso Mere Nenan Me Yah Jori

राधा कृष्ण माधुर्य बसौ मेरे नैनन में यह जोरी सुन्दर श्याम कमल – दल – लोचन, सँग वृषभानु किशोरी मोर-मुकुट मकराकृति कुण्डल, पीताम्बर झकझोरी ‘सूरदास’ प्रभु तुम्हरे दरस को, कहा बरनौं मति थोरी

Rath Par Rajat Sundar Jori

रथयात्रा रथ पर राजत सुन्दर जोरी श्री घनश्याम लाड़िलो सुन्दर, श्रीराधाजू गोरी चपल तुरंत चलत धरणी पर, भयो कुलाहल भारी आस पास युवतीजन गावत, देत परस्पर तारी व्योम विमान भीर भई सुर-मुनि, जय जय शब्द उचारी ‘सूरदास’ गोकुल के वासी, बानिक पर बलिहारी

Sundar Shyam Piya Ki Jori

राधा-कृष्ण माधुरी सुन्दर स्याम पिया की जोरी रोम रोम सुंदरता निरखत, आनँद उमँग बह्योरी वे मधुकर ए कुंज कली, वे चतुर एहू नहिं भोरी प्रीति परस्पर करि दोउ सुख, बात जतन की जोरी वृंदावन वे, सिसु तमाल ए, कनक लता सी गोरी ‘सूर’ किसोर नवल नागर ए, नागरि नवल-किसोरी