Kaliya Nag Par Nratya Kiya

कालिया नाग का उद्धार कालिया-नाग पर नृत्य किया, साँवरिया का यह अभिनय था यमुना जल विष की गर्मी से, दिन रात खौलता रहता था कालिय-दह में हरि कूद गये, निडर हो उसमें खेल रहे भय से मूर्छित सब ग्वाल-बाल, अपनी पीड़ा को किसे कहें जीवन सर्वस्व गोपियों के, उनको कालिय ने जकड़ लिया फिर तो […]