Maiya Mori Kamar Koun Lai

बाल क्रीड़ा मैया ! मोरी कामर कौन लई गाय चरावन जात वृन्दावन, खरिक में भाज गई एक कहे तोरि कारी कमरिया, जमुना में जात बही एक कहे तोरी कामर देखी, सुरभी खाय गई एक कहे नाचौ हम आगे, कामर देहु नई ‘सूरदास’ प्रभु जसुमति आगे, अँसुवन धार बही

Thali Bhar Kar Lai Main Khicado

नैवेद्य अर्पण थाली भरकर लाई मैं खीचड़ो, ऊपर घी की वाटकी जीमो म्हारा कृष्ण कन्हाई, जिमावै बेटी जाट की बापू म्हारो गाँव गयो है, न जाणे कद आवेगो बाट देख बैठ्या रहणे से, भूखो ही रह जावेगो आज जिमाऊँ थने खीचड़ो, काल राबड़ी छाछ की जीमो म्हारा कृष्ण कन्हाई, जिमावें बेटी जाट की बार-बार पड़दो […]