Aao Manmohan Ji Jou Thari Baat

प्रतीक्षा आओ मनमोहनाजी, जोऊँ थारी बाट खान-पान मोहि नेक न भावै, नयनन लगे कपाट तुम देख्या बिन कल न पड़त है हिय में बहुत उचाट मीराँ कहे मैं भई रावरी, छाँड़ो नहीं निराट

Manmohan Shyam Hamara

श्याम की पाती मनमोहन श्याम हमारा निर्मल नीरा जमुन को त्याग्यौ, जाय पियौ जल खारा आप तो जाय द्वारका छाए, हमें छाँड़ि माझ धारा लिखि लिखि पाती भेजुँ स्याम कूँ, बाँचौ प्रीतम प्यारा ‘मीराँ’ के प्रभु हरि अविनासी, जीवन प्राण आधारा

Jiwan Ke Jiwan Manmohan

श्रीकृष्ण भजन जीवन के जीवन मनमोहन, वरना मृत्यु समान उनके भजन बिना यह जीवन केवल है श्मशान चलती फिरती दिखे देह जो, उसे प्रेत लो जान व्यर्थ ही इसको नित्य सजाये, आखिर तो अवसान मिला विवेक प्रभु से हमको, उनका कर गुणगान  

Chal Rahe Bakaiyan Manmohan

बालकृष्ण चल रहे बकैयाँ मनमोहन, सन गये धूल में जो सोहन जब नहीं दिखी मैया उनको किलकारी मारे बार बार माँ निकट रसोईघर में थी, गोदी में लेकर किया प्यार आँचल से अंगों को पोछा और दूध पिलाने लगी उन्हें क्षीरोदधि में जो शयन करें, विश्वम्भर कहते शास्त्र जिन्हें

Manmohan Hamko Ati Pyare

बालकृष्ण प्रति प्रेम मनमोहन हम को अति प्यारे बार-बार किलकारी मारे, चले कन्हैया घुटनों से ब्रज-वधुएँ आनन्दित होकर, उसे लगायें छाती से कहें-इसे हम जभी देखतीं, प्यार उमड़ता हम सबको रोक नहीं पाती उमंग को, सुध-बुध रहे नहीं हमको कितनी बार गोद में लेतीं, किन्तु न मन ही भरता है धन्य प्रेम इनका कान्हा प्रति, […]