He Antaryami Prabho

हितोपदेश हे अंतर्यामी प्रभो, आत्मा के आधार तो तुम छोड़ो हाथ तो, कौन उतारे पार आछे दिन पाछे गये, हरि से किया न हेत अब पछताये होत क्या, चिड़िया चुग गई खेत ऊँचे कुल क्या जनमिया, करनी ऊँच न होई सुवरन कलस सुरा भरा, साधू निन्दे सोई ऐसी बानी बोलिये, मन का आपा खोय औरन […]

Swamin Pashupate Prabho Das Ke Pas Chudao

शिवाशीव स्तुति स्वामिन्! पशुपति! प्रभो! दास के पास छुड़ाओ जगदम्बा! माँ! उमा वत्स कूँ हृदय लगाओ भटक्यो जग महँ जनक! शरन चरनन महँ दीजे माँ! अब गोद बिठाय चूमि मुख सुत कूँ लीजे यद्यपि हौं अति अधमहूँ, तऊ पिता! अपनाइ लैं मैं जो साधन रहित सुत, कूँ हिय तें चिपकाइ लैं  

Jagat Se Prabho Ubaro

शरणागति जगत से प्रभो उबारो हे घट घट वासी, मैं पापी, मुझको आप सँभारो मुझे विदित है तुम सेवक के, दोष नहीं मन लाते ग्वाल-बाल संग क्रीड़ा करते, गाय चराने जाते तुम को प्यार गरीबों से प्रभु, साग विदुर घर खाते शबरी, सुदामा, केवट को, प्रभु तुम ही हो अपनाते तार दिया तुमने भव जल […]

Prabho Vah Kab Din Aayega

प्रतीक्षा प्रभो, वह कब दिन आयेगा होगा जब रोमांच, हृदय गद्गद् हो जायेगा कृष्ण कृष्ण उच्चारण होगा, प्रेमाश्रु नयनों में विस्मृत होगी सारी दुनिया, मग्न पाद-पद्मों में रूप-माधुरी पान करूँगा, बिठलाऊँ हृदय में मिट जायेगा तमस् अन्ततः, लीन होउ भक्ति में  

Sharnagat Palak Param Prabho

प्रार्थना शरणागत पालक परम प्रभो, हमको एक आस तुम्हारी है तुम्हरे सम दूजा और नहीं, कोई दीनन को हितकारी है सुधि लेत सदा सब जीवों की, अतिशय करुणा उर धारी है प्रतिपाल करो बिन ही बदले, अस कौन पिता महतारी है बिसराय तुम्हें सुख चाहत जो, वह तो नादान अनारी है ‘परतापनारायण’ तो तुम्हरे, पद-पंकज […]