Jay Ram Rama Ramnam Samanam

श्री राम वन्दना जय राम रमा- रमनं समनं , भव-ताप भयाकुल पाहिजनं अवधेस, सुरेस, रमेस विभो, सरनागत माँगत पाहि प्रभो दस-सीस-बिनासन बीस भुजा, कृत दूरि महा-महि भूरि-रुजा रजनी-चर-वृन्द-पतंग रहे, सर-पावक-तेज प्रचंड दहे महि-मंडल-मंडन चारुतरं, धृत-सायक-चाप-निषंग-बरं मद-मोह-महा ममता-रजनी, तमपुंज दिवाकर-तेज-अनी मनजात किरात निपात किए, मृग, लोभ कुभोग सरेनहिए हति नाथ अनाथनि पाहि हरे, विषया वन पाँवर […]

Ab Tum Kab Simaroge Ram

हरिनाम स्मरण अब तुम कब सुमरो गे राम, जिवड़ा दो दिन का मेहमान गरभापन में हाथ जुड़ाया, निकल हुआ बेइमान बालापन तो खेल गुमाया, तरूनापन में काम बूढ़ेपन में काँपन लागा, निकल गया अरमान झूठी काया झूठी माया, आखिर मौत निदान कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, क्यों करता अभिमान

Shri Ram Ko Maa Kaikai Ne

राम वनगमन श्रीराम को माँ कैकयी ने दिया जभी वनवास उनके मुख पर कहीं निराशा का, न तभी आभास मात कौसल्या और सुमित्रा विलपे, पिता अचेत उर्मिला की भी विषम दशा थी, त्यागे लखन निकेत जटा बनाई वल्कल पहने, निकल पड़े रघुनाथ जनक-नन्दिनी, लक्ष्मण भाई, गये उन्हीं के साथ आज अयोध्या के नर नारी, विह्वल […]

Jake Priy Na Ram Vedehi

राम-पद-प्रीति जाके प्रिय न राम वैदेही तजिये ताहि कोटि बैरीसम, जद्यपि परम सनेही तज्यो पिता प्रह्लाद, विभीषन बंधु, भरत महतारी बलि गुरु तज्यो, कंत ब्रज – बनितनि, भये मुद – मंगलकारी नाते नेह राम के मनियत सुहृद सुसेव्य जहाँ लौं अंजन कहाँ आँखि जेहि फूटै, बहुतक कहौं कहाँ लौं ‘तुलसी’ सो सब भाँति परम हित […]

Jiv Bas Ram Nam Japna

हरिनाम स्मरण जीव बस राम नाम जपना, जरा भी मत करना फिकरी भाग लिखी सो हुई रहेगी, भली बुरी सगरी ताप करके हिरणाकुश राजा, वर पायो जबरी लौह लकड़ से मार्यो नाहीं, मर्यौ मौत नख री तीन लोक ककी माता सीता, रावण जाय हरी जब लक्षमण ने करी चढ़ाई, लंका गई बिखरी आठों पहर राम […]

Shri Ram Jape Ham Kaise Hi

राम नाम महिमा श्री राम जपें हम कैसे ही उलटा नाम जपा वाल्मीकि ने, ब्रह्मर्षि हो गये वही लिया अजामिल ने धोखे से नाम तर गया भवसागर द्रुपद-सुता जब घिरी विपद् से, लाज बचाई नटनागर गज, गणिका का काम बन गया, प्रभु-कृपा से ही तो प्रतीति प्रीति हो दो अक्षर में, श्रीराम मिले उसको तो […]

Jhulat Ram Palne Sohe

झूला झूलत राम पालने सोहैं, भूरि-भाग जननीजन जोहैं तन मृदु मंजुल मे चकताई, झलकति बाल विभूषन झाँई अधर – पानि – पद लोहित लोने, सर – सिंगार – भव सारस सोने किलकत निरखि बिलोल खेलौना, मनहुँ विनोद लरत छबि छौना रंजित – अंजन कंज – विलोचन, भ्रातज भाल तिलक गोरोचन लस मसिबिंदु बदन – बिधुनीको, […]

Din Yu Hi Bite Jate Hain Sumiran Kar Le Tu Ram Nam

नाम स्मरण दिन यूँ ही बीते जाते हैं, सुमिरन करले तूँ राम नाम लख चौरासी योनी भटका, तब मानुष के तन को पाया जिन स्वारथ में जीवन खोया, वे अंत समय पछताते हैं अपना जिसको तूँने समझा, वह झूठे जग की है माया क्यों हरि का नाम बीसार दिया, सब जीते जी के नाते हैं […]

Jay Shri Ram Hare

रामचन्द्र आरती श्री राम हरे ॐ जय रघुवीर हरे आरती करूँ तुम्हारी, संकट सकल टरे कौशल्या-सुखवर्धन, नृप दशरथ के प्रान श्री वैदेही-वल्लभ, भक्तों की प्रभु आन —-ॐ जय … सत्-चित्-आनन्द रूपा, मनुज रूप धारी शिव, ब्रह्मा, सुर वन्दित, महिमा अति भारी —-ॐ जय … श्रीविग्रह की आभा, नव नीरद सम श्याम —- सुभग सरोरुह लोचन, […]

Thumak Chalat Ram Chandra

शिशु राम ठुमक चलत रामचन्द्र, बाजत पैजनियाँ किलक किलक उठत धाय, गिरत भूमि लटपटाय धाय मातु गोद लेत, दशरथ की रनियाँ अंचल-रज अंग जाकि, विविध भाँति सों दुलारि तन-मन-धन वारि-वारि, कहत मृदु वचनियाँ ‘तुलसीदास’ अति अनन्द देखि के मुखारविन्द रघुवर की छबि समान, रघुवर की बनियाँ