Ham Na Bhai Vrindawan Renu

वृन्दावन हम न भईं वृंदावन-रेनु जिनपे चरनन डोलत नित प्रति, श्याम चरावैं धेनु हमतें धन्य परम ये द्रुम-बन, बाल बच्छ अरु धेनु ‘सूर’ ग्वाल हँसि बोलत खेलत, संग ही पीवत धेनु