Vrandavan Saghan Kunj

युगल विहार वृन्दावन सघन कुंज माधुरी द्रुम भँवर गुंज नित विहार प्रिया प्रीतम, देखिबौई कीजै गौर श्याम युगल वर्ण, सुन्दर अति चित्त चोर निरखि निरखि रूप सुधा, नैनन भर पीजै सखियन संग करत गान, सारँग सुर लेत तान मंद मंद मधुर मधुर, सुनि सुनि सुख लीजै