Bhajo Man Nish Din Shyam Sundar

नाम-स्मरण भजो मन निश-दिन श्यामसुन्दर, सुख-सागर भजो श्री राधावर सकल जगत् के जीवन-धन प्रभु करत कृपा अपने भक्तों पर ब्रज सुन्दरियों से सेवित जो, नव नीरद सम वर्ण मनोहर त्रिभुवन-मोहन वेष विभूषित, शोभा अतुलित कोटि काम हर तरु कदम्ब तल यमुना तट पे, मुरली में भरते मीठा स्वर चरण-कमल में नूपुर बाजत, कटि धारे स्वर्णिम […]

Shyam Liyo Giriraj Uthai

गिरिराज धरण स्याम लियो गिरिराज उठाई धीर धरो हरि कहत सबनि सौं, गिरि गोवर्धन करत सहाई नंद गोप ग्वालिनि के आगे, देव कह्यो यह प्रगट सुनाई काहै कौ व्याकुल भै डोलत, रच्छा करत देवता आई सत्य वचन गिरिदेव कहत हैं, कान्ह लेहिं मोहिं कर उचकाई ‘सूरदास’ नारी नर ब्रज के, कहत धन्य तुम कुँवर कन्हाई

Fag Khelan Ko Aaye Shyam

होली फाग खेलन को आये श्याम मुग्ध हुई ब्रज-वनिता निरखत, माधव रूप ललाम पीत वसन भूषण अंगो पर , सचमुच सबहिं सुहाये तभी श्याम के संग सखा सब, अबीर-गुलाल उड़ाये सखियों ने घेरा मोहन को, केसर रंग लगाया चौवा चंदन और अरगजा, भर भर मूठ चलाया रीझ रहीं सखियाँ मोहन पर, मन भर आनंद आया […]

Bhojan Kare Shyam Kanan Main

वन-विहार भोजन करे श्याम कानन में ग्वाल-बाल संग हँसे हँसाये, मुदित सभी है मन में छीके खोल सखा सब बैठे, यमुना तट पर सोहे उनके मध्य श्याम-सुन्दर छबि, सबके मन को मोहे जूठे का संकोच नहीं, सब छीन झपट के खायें सभी निहारें मोहन मुखड़ा, स्वाद से भोजन पायें छटा निराली नटनागर की, धरी वेणु […]