Shyam Tori Murli Nek Bajaun

ठिठोली स्याम, तोरी मुरली नेक बजाऊँ जोइ-जोइ तान भरो मुरली में, सोइ सोइ गाय सुनाऊँ हमरी बिंदिया तुमही लगाओ, मैं सिर मुकुट धराऊँ हमरे भूषण तुम सब पहिरौ, मैं तुम्हरे सब पाऊँ तुमरे सिर माखन की मटकी, मैं मिलि ग्वाल लुटाऊँ तुम दधि बेचन जाओ वृन्दावन, मैं मग रोकन आऊँ मानिनी होकर मान करो तुम, […]

Tori Savari Surat Nandlala Ji

साँवरी सूरत तोरी साँवरी सुरत नन्दलालाजी जमुना के तीरे धेनु चरावत, काली कामली वालाजी मोर-मुकुट पीताम्बर शोभे, कुण्डल झलकत लालाजी ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, भक्तन के प्रति पालाजी

Rana Ji Ab Na Rahungi Tori Hatki

वैराग्य राणाजी! अब न रहूँगी तोरी हटकी साधु-संग मोहि प्यारा लागै, लाज गई घूँघट की पीहर मेड़ता छोड्यो अपनो, सुरत निरत दोउ चटकी सतगुरु मुकर दिखाया घट का, नाचुँगी दे दे चुटकी महल किला कुछ मोहि न चहिये, सारी रेसम-पट की भई दिवानी ‘मीराँ’ डोलै, केस-लटा सब छिटकी