भोजन
दोउ भैया जैंवत माँ आगै
पुनि-पुनि लै दधि खात कन्हाई, और जननि पे माँगे
अति मीठो दधि आज जमायौ, बलदाऊ तुम लेहु
देखौ धौं दधि-स्वाद आपु लै, ता पाछे मोहि देहु
बल-मोहन दोऊ जेंवत रूचि सौं, सुख लूटति नँदरानी
‘सूर’ श्याम अब कहत अघाने, अँचवन माँगत पानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *