He Hanumat Ham Adham Daya Kari Ke Apnao

श्री हनुमान स्तुति
हे हनुमत! हम अधम दया करिके अपनाओ
हे मारुति! भव-जलधि बहि रहो पार लगाओ
हे अञ्जनि के तनय! शरन अपनी लै लीजै
हे करुनाकर! कृपा कि’रनि पै करि दीजै
हे कपि कौशल स्वामि प्रिय, तव नामनि मुखतें कहूँ
हे केशरिसुत! तव चरन, चंचरीक बनि नित रहूँ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *