श्री नारायण स्तुति
जो परम शांत श्री लक्ष्मी-कांत, जो शेष-नाग पर शयन करें
वे पद्मनाभ देवाधिदेव, वे जन्म मरण का कष्ट हरें
है नील मेघ सम श्याम वर्ण, पीताम्बर जिनके कटि राजे
हे अंग सभी जिनके सुन्दर, शोभा पे कोटि मदन लाजे
ब्रह्मादि देव अरू योगी जन, जिनका हृदय में धरे ध्यान
वे कमल नयन सच्चिदानन्द, सब वेद-उपनिषद करें गान
वे शंख चक्र अरु, गदा पद्म, धारण करते कर कमलों में
मैं सादर उन्हें प्रणाम करूँ, जो नारायण जड़ चेतन में

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