श्री गणेश-श्री कृष्ण
मात यशोदा श्री गणेश की पूजा करने को आई
मोदक भर कर थाल सजाया, कान्हा को सँग में लाई
नटवर की नटखट चालों की, याद उन्हें जैसे आई
विघ्न न पूजा में हो जाये, शंका मन में जब आई
तभी कन्हैया को खम्भे से, डोरी से जो बाँध दिया
फिर विघ्नेश्वर की पूजा में, निश्चित हो कर ध्यान किया
श्रीगणेश ने आँखे खोली, श्रीहरि को प्रणाम किया
और सूँड से मोदक लेकर, उनके मुख में डाल दिया
मात यशोदा ने देखा तो, मति उनकी चकराई है
फिर तो अपनी चतुराई पर, बार बार पछताई है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *