Nahi Bhave Tharo Desadlo Ji Rangrudo

मेवाड़ से विरक्ति
नहीं भावैं थाँरो देसड़लो जी रँगरूड़ो
थाँरा देस में राणा साधु नहीं छै, लोग बसैं सब कूड़ो
गहणा गाँठी भुजबंद त्याग्या, त्याग्यो कर रो चूड़ो
काजल टीकी हम सब त्याग्या, त्याग्यो बाँधन जूड़ो
‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, वर पायो छै रूड़ो

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