विराट स्वरूप
नैनन निरखि स्याम-स्वरूप
रह्यौ घट-घट व्यापि सोई, जोति-रूप अनूप
चरन सातों लोक जाके, सीस है आकास
सूर्य, चन्द्र, नक्षत्र, पावक, ‘सूर’ तासु प्रकास

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