प्रार्थना
प्रभु! तुम हो दीनबन्धु, हम दास हैं तुम्हारे
माता पिता तुम्हीं हो, एकमात्र तुम सहारे
ज्योतित सभी हैं तुम से, रवि चाँद हों कि तारे
हैं प्राणवान तुमसे, पशु पक्षी जीव सारे
हों पाप दोष हमसे, तुम से छिपें न प्यारे
सन्तान हम तुम्हारी, होएँ न तुमसे न्यारे
पीड़ा जनम मरण की, दूजा नहीं निवारे
हे नाथ तुम छुड़ा दो, संकट सकल हमारे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *