श्री गणेश स्तवन
सर्वप्रथम गणपति को पूजे, पश्चात् कार्य आरम्भ करें
जो सृष्टि के कर्ता-धर्ता, वे विपदाएँ तत्काल हरें
गजवदन विनायक एकदन्त जो, प्रगट भये सब हर्ष भरे
मुदित हुए पार्वति शिवशंकर, इन्द्र, अप्सरा नृत्य करें
वक्रतुण्ड लम्बोदर गणपति, निरख चन्द्रमा हँसी करे
शाप दियो तब चन्द्रदेव को, कलाहीन तत्काल करे
ॠद्धि-सिद्धि के बीच विराजै, चँवर डुलै आनन्द भरे
गुड़ के मोदक भोग सुहावै, मूषक की सवारी आप करें
‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र, जपने से सारे दोष जरे
सच्चिदानन्द गणपति ध्याये, निश्चित ही सारे काज सरे
पाशाकुंश मोदक वर-मुद्रा का, तन्मय होकर ध्यान धरें
अथर्वशीर्ष का पाठ करे नित, मनोकामना पूर्ण करें

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