सर्वेश्वर श्रीकृष्ण
श्री कृष्णचन्द्र सब में छाये
जड़ चेतन प्राणीमात्र तथा कण कण में वही समाये
जो महादेव के भक्त करे, गुणगान स्तुति उसमें ये
विघ्नेश्वर गणपति रूप धरे, विघ्नों का नाश कर देते
हम दुर्गाजी का पाठ करें, होते प्रसन्न उससे भी ये
सद्बुद्धि देते सूर्यदेव, उनमें भी प्रकाशित तो ये
चाहे पूजें किसी देवता को, उनके द्वारा फल देते ये
दिन रात उन्हीं के चरणों का, ही ध्यान करें, मंगलमय ये

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *