दुग्ध अर्पण
थे तो आरोगोजी मदनगोपाल! कटोरो ल्याई दूध को भर्यो
दूधाजी दीनी भोलावण, जद में आई चाल
धोली गाय को दूध गरम कर, ल्याई मिसरी घाल
कईयाँ रूठ गया हो म्हारा नाथ! कटोरो….
कद ताई रूठ्या रोगा थे बोलो जी महाराज
दूध-कटोरो धर्यो सामने, पीवणरी काँई लाज
भूखा मरता तो चिप जासी थारा चिकणा गाल! कटोरो…
श्याम सलोना दूध आरोगो, साँची बात सुनाऊँ
बिना पियाँ यो दूध-कटोरो, पाछो ले नहीं जाऊँ
देस्यूँ साँवरिया चरणा में देही त्याग! कटोरो
करुण भरी विनती सुण प्रभुजी, लियो कटोरो हाथ
गट-गट दूध पिवण ने लाग्या, भक्त जणारा नाथ
थे तो राखो हो भगताँ री जाती लाज! कटोरो…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *