श्री बलरामजी
वे हैं रोहिनी सुत राम
गौर अंग सुरंग लोचन, प्रलय जिन के ताम
एक कुंडल स्रवन धारी, द्यौत दरसी ग्राम
नील अंबर अंग धारी, स्याम पूरन काम
ताल बल इन बच्छ मार्यौ, ब्रह्म पूरन काम
‘सूर’ प्रभु आकरषि, तातैं संकरषन है नाम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *