गो माता
गायों के हित का रहे ध्यान
गो-मांस करे जो भी सेवन, निर्लज्ज व्यक्ति पापों की खान
गौ माँ की सेवा पुण्य बड़ा, भवनिधि से करदे हमें पार
वेदों ने जिनका किया गान, शास्त्र पुराण कहे बार-बार
गौ-माता माँ के ही सदृश, वे दु:खी पर हम चुप रहते
माँ की सेवा हो तन मन से, भगवान कृष्ण को वह पाते

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