Nek Thaharija Shyam Bat Ek Suni Ja Mori

राधा के श्याम नेंक ठहरि जा श्याम! बात एक सुनि जा मेरी दौर्यो जावै कहाँ, दीठि चंचल अति तोरी ब्रज में मच्यो चवाउ, बात फैली घर-घर में कीरति रानी लली धँसी है, तेरे उर में निज नयननि निरख्यो न कछु, सुन्यो सुनायो ही कह्यो गोरी भोरी छोहरी, को चेरो तू बनि गयो

Jiwan Ke Jiwan Manmohan

श्रीकृष्ण भजन जीवन के जीवन मनमोहन, वरना मृत्यु समान उनके भजन बिना यह जीवन केवल है श्मशान चलती फिरती दिखे देह जो, उसे प्रेत लो जान व्यर्थ ही इसको नित्य सजाये, आखिर तो अवसान मिला विवेक प्रभु से हमको, उनका कर गुणगान  

Rup Rasi Shri Radha Rani

श्री राधा रूपरासि श्री राधा रानी मोहन की मन मोहिनि भामिनि, सखियन की स्वामिनी सुखदानी कनक कान्ति कमनीय कलेवर, तापै नील निचोल सुहानी चंद्रवदन पे चारु चन्द्रिका, चहुँ दिसि अहो छटा छिटकानी कनक करधनी सोहै अनुपम, रतन जटित नहिं जात बखानी पायन की पायल की रुनझुन, सुनि मुनिजन की मति बौरानी मोहन हूँ की सोहनी […]

Bana Do Vimal Buddhi Bhagwan

विमल बुद्धिबना दो विमल बुद्धि भगवान् तर्कजाल सारा ही हर लो, हरो द्वेष अभिमान हरो मोह, माया, ममता, मद, मत्सर, अपना जान कलुष काम-मति, कुमति हरो हरि, हरो त्वरित अज्ञान दम्भ, दोष, दुर्नीति हरण कर, करो सरलता दान भरदो हृदय भक्ति-श्रद्धा से, करो प्रेम का दान  

Nath Kaise Bali Ghar Yachan Aaye

वामन अवतार नाथ कैसे बलि घर याचन आये बलिराजा रणधीर महाबल, इन्द्रादिक भय खाये तीन लोक उनके वश आये, निर्भय राज चलाये वामन रूप धरा श्री हरि ने, बलि के यज्ञ सिधाये तीन चरण पृथ्वी दो राजन! कुटिया चाहूँ बनायें बलि ने दान दिया जैसे ही तत्क्षण रूप बढ़ाये तीन लोक में पैर पसारे, बलि […]

Aaj Sakhi Rath Baithe Nandlal

रथ-यात्रा आज सखी, रथ बैठे नंदलाल अति विचित्र पहिरे पट झीनो,उर सोहत वन-माल वामभाग वृषभानु-नंदिनी, पहिर कसूंभी सारी तैसोई घन उमड्यो चहुँ दिशि, गरजत है अति भारी सुन्दर रथ मणि-जटित मनोहर, अनुपम है सब साज चपल तुरंग चलत धरणी पे, रह्यो घोष सब गाज ताल पखावज बीन बाँसुरी, बाजत परम रसाल ‘गोविंददास’ प्रभु पे बरखत, […]

Vaishnav Jan To Tene Kahiye

वैष्णव जन (गुजराती) वैष्णव जन तो तेणे कहिए, जे पीर पराई जाणे रे परदुःखे उपकार करे तोये, मन अभिमान न आणे रे सकल लोक मा सहुने वंदे, निंदा करे न केणी रे वाच काज मन निश्चल राखे, धन धन जननी तेणी रे समदृष्टि ने, तृष्णा त्यागी, पर-स्त्री जेणे मात रे जिह्वा थकी असत्य न बोले, […]

Braj Ke Birahi Log Bichare

वियोग ब्रज के बिरही लोग बिचारे बिन गोपाल ठगे से ठाढ़े, अति दुरबल तनु हारे मात जसोदा पंथ निहारति, निरखति साँझ सकारे सबही कान्ह कान्ह कहि बोलत, अँखियन बहत पनारे यह मथुरा काजर की रेखा, जे निकसे ते कारे ‘परमानंद’ स्वामी बिन ऐसे, ज्यों चंदा बिनु तारे