Prabhu Ki Apaar Maya

शरणागति प्रभु की अपार माया, जिसने जगत् रचाया सुख दुःख का नजारा, कहीं धूप कहीं छाँया अद्भुत ये सृष्टि जिसको, सब साज से सजाया ऋषि मुनि या देव कोई, अब तक न पार पाया सब ही भटक रहे है, दुस्तर है ऐसी माया मुझको प्रभु बचालो, मैं हूँ शरण में आया  

Vrandavan Ki Mahima Apaar

वृन्दावन महिमा वृन्दावन की महिमा अपार, ऋषि मुनि देव सब गाते हैं यहाँ फल फूलों से लदे वृक्ष, है विपुल वनस्पति और घास यह गोप गोपियों गौओं का प्यारा नैसर्गिक सुख निवास अपने मुख से श्रीकृष्ण यहाँ, बंशी में भरते मीठा स्वर तो देव देवियाँ नर नारी, आलाप सुनें तन्मय होकर सब गोपीजन को संग […]