श्री दुर्गा स्तुति
दुर्गा देवी दया करहु, दुख दुरित नसाओ
शक्ति हीन संतान परी माँ! आय जगाओ
भये भवानी भीत, आय भय भूत भगाओ
खड्ग हाथ महँ देहु, युद्ध को पाठ पढ़ाओ
कलि कराल कलुषित करहिँ, करि कल्यान कपर्दिनी
मेटो ममता मोह कूँ, महिषासुर मद मर्दिनी

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