Baj Rahi Shyam Pag Painjaniyan

बालकृष्ण चरित्र बज रही श्याम-पग-पैंजनियाँ चलना सिखावे अँगुली पकड़ के, स्वर मीठो री रुनझुनियाँ पुलकित मन में नन्द जसोदा, नाच नचाये लाला को ठुमक-ठुमक जब चले कान्ह री, हर्षाये सब के मन को गायें गीत बजायें ताली, गोपी जन तन्मय होए माया जिनकी नाच नचाये, बालनृत्य में वे खोए  

Banshi Sadharan Vadya Nahi

मोहन की मुरली बंशी साधारण वाद्य नहीं प्राणों व साँसों से बजता, अनुपम ऐसा है वाद्य यही जब बंसी बजाते श्रीकृष्ण, आनन्द उसी में भर देते पशु पक्षी भी तब स्थिर हों, सुनने को कान लगा देते अश्चर्य चकित ऋषि-मुनि होते, तब भंग समाधि हो जाती रोमांच गोपियों को होता, घर से तत्काल निकल पड़ती […]

Vanshi Vat Jamuna Ke Tat Par

होली वंशी-वट जमुना के तट पर, श्याम राधिका खेले होरी ग्वाल-बाल संग में गिरिधारी, सज आई बृजभानु दुलारी संग लिये ब्रजवाल, खेल रहे होरी पिचकारी भर रंग चलावैं, भर भर मूठ गुलाल उड़ावैं धरा गगन भये लाल, खेल रहे होरी केसर कुंकुम और अरगजा, मलै परस्पर श्याम भानुजा बाढ्यो प्रेम विशाल, खेल रहे होरी लाल […]

Bangala Bhala Bana Maharaj

नश्वर देह बंगला भला बना महाराज, जिसमें नारायण बोले पाँच तत्व की र्इंट बनाई, तीन गुणों का गारा छत्तीसों की छत बनाई, चेतन चिनने हारा इस बँगले के दस दरवाजे, बीच पवन का थम्भा आवत जावत कछू ना दीखे, ये ही बड़ा अचम्भा इस बँगले में चौपड़ माँडी, खेले पाँच पचीसा कोर्ई तो बाजी हार […]

Prathvi Par Atyacharon Ka

प्रभु प्राकट्य पृथ्वी पर अत्याचारों का, है लग जाता अम्बार जभी मंगलमय जो है परब्रह्म, विष्णु लेते अवतार तभी पुरुषोत्तम श्रीमन् नारायण, हैं परमानन्द स्वरूप आप स्थापित करते पुनः धर्म, साधु सन्तों का हरें ताप कछुवा, वराह, हयग्रीव, मत्स्य का रूप धरे वे ही आते संहार करें वे असुरों का, पृथ्वी का भार वही हरते […]

Prem Ho To Shri Hari Ka

कृष्ण कीर्तन प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिये जो बने विषयों के प्रेमी उनपे रोना चाहिये दिन बिताया ऐश और आराम में तुमने अगर सदा ही सुमिरन हरि का करके सोना चाहिये मखमली गद्दों पे सोये तुम यहाँ आराम से वास्ते लम्बे सफर के कुछ बिछौना चाहिये छोड़ गफलत को अरे मन, […]

Prem Vastra Ke Bicha Panwde

शबरी का प्रेम प्रेम-वस्त्र के बिछा पाँवड़े, अर्घ्य नमन जल देकर निज कुटिया पर लाई प्रभु को, चरण कमल तब धोकर आसन प्रस्तुत कर राघव को, पूजा फिर की शबरी ने चख कर मीठे बेर प्रभु को, भेंट किये भिलनी ने स्वाद सराहा प्रभु ने फल का, प्रेम से भोग लगाया प्रेम-लक्षणा-भक्ति रूप, फल प्रभु […]

Pritam Hamaro Pyaro Shyam

श्रीकृष्ण स्मरण प्रीतम हमारो प्यारो श्याम गिरधारी है मोहन अनाथ-नाथ, संतन के डोले साथ वेद गुण गावे गाथ, गोकुल विहारी है कमल बिसाल नैन, निपट रसीले बैन श्याम को ही रूप वृषभानु की दुलारी है केशव दया-निधान, वाही सो हमारो ध्यान तन-मन पे वारूँ प्रान, जीवन मुरारी है मिरूँ मैं साँझ-भोर, बार-बार हाथ जोर कहत […]

Priy Putra Parvati Maiya Ke

श्री गणेश वंदना प्रिय पुत्र पार्वती मैया के, गज-वदन विनायक विघ्न हरे जो ऋद्धि सिद्धि दाता सेवित, संताप शोक को दूर करे जामुन कपित्थ जैसे फल का, रुचि पूर्वक भोग लगाते हैं मोदक के लड्डू जिनको प्रिय, सारे जग का हित करते हैं सम्पूर्ण यज्ञ के जो रक्षक, कर में जिनके पाशांकुश है है रक्त […]

Prarabhda Mita Nahi Koi Sake

अमिट प्रारब्ध प्रारब्ध मिटा कोई न सके अपमान अयश या जीत हार, भाग्यानुसार निश्चित आते व्यापारिक घाटा, रोग मृत्यु, इनको हम रोक नहीं पाते विपरीत परिस्थिति आने पर, सत्संग, भजन हो शांति रहे चित में विक्षेप नहीं आये, दृढ़ता व धैर्य से विपद् सहे सुख-दुख तो आते जाते हैं, उनके प्रति समता हो मन में […]