Main Giridhar Ke Rang Rati
गिरिधर के रंग मैं गिरिधर के रंग राती पचरँग चोला पहर सखी मैं, झिरमिट रमवा जाती झिरमिट में मोहि मोहन मिलिग्यो, आनँद मंगल गाती कोई के पिया परदेस बसत हैं, लिख-लिख भेजें पाती म्हारे पिया म्हारे हिय में बसत हैं, ना कहुँ आती जाती प्रेम भट्ठी को मैं मद पीयो, छकी फिरूँ दिन राती ‘मीराँ’ […]
Shri Radhe Rani De Daro Ni Bansuri Mori
बंसी राधे रानी दे डारो नी बाँसुरी मोरी जो बंशी में मोरे प्राण बसत है, सो बंशी गई चोरी काहे से गाऊँ प्यारी काहे से बजाऊँ, काहे से लाऊँ गैया घेरी मुखड़ा से गाओ कान्हा हाथ से बजाओ, लकुटी से लाओ गैया घेरी हा हा करत तेरी पइयाँ पड़त हूँ, तरस खाओ री प्यारी मोरी […]
Karam Gati Tare Nahi Tari
कर्म विपाक करम गति तारे नाहिं टरी मुनि वसिष्ठ से पण्डित ज्ञानी, सोध के लगन धरी सीता हरण, मरण दशरथ को, वन में विपति परी नीच हाथ हरिचन्द बिकाने, बली पताल धरी कोटि गाय नित पुण्य करत नृग, गिरगिट जोनि परी पाण्डव जिनके आप सारथी, तिन पर विपति परी दुर्योधन को गर्व घटायो, जदुकुल नाश […]
Mat Kar Moh Tu Hari Bhajan Ko Man Re
भजन महिमा मत कर मोह तू, हरि-भजन को मान रे नयन दिये दरसन करने को, श्रवण दिये सुन ज्ञान रे वदन दिया हरि गुण गाने को, हाथ दिये कर दान रे कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, कंचन निपजत खान रे
Aur Ansha Avtar Krishna Bhagwan Swayam Hai
परब्रह्म श्री कृष्ण और अंश अवतार कृष्ण भगवान स्वयम् हैं वे मानुस बनि गये, यशोदा नन्द-नँदन हैं सकल भुवन के ईश एक, आश्रय वनवारी मोर मुकुट सिर धारि अधर, मुरली अति प्यारी रस सरबस श्रृंगार के, साक्षात् श्रृंगार हैं जो विभु हैं, आनन्दघन, उन प्रभु की हम शरन हैं
Yashoda Kaiso Lala Jayo
यशोदा के लाल यशोदा कैसो लाला जायो कोई कहे कुसुम अलसी सम, अन्जन अपर बतायो कोई दुर्वा-वन सम शोभा, उत्पल द्युति कहि गायो कोई कहे जनम नहिं याको, छिपि मधुबन तें आयो कोई कहे ब्रह्मा को बाबा, वेदहु भेद न पायो कैसो कहे कहत सकुचावत, नहिं हम दरशन पायो गोविन्द गोकुल कुँवर गोपपति, गोपीश्वर कहलायो […]
Pran Dhan Sundar Shyam Sujan
दर्शन की प्यास प्रानधन! सुन्दर श्याम सुजान छटपटात तुम बिना दिवस निसि, पड़ी तुम्हारी बान कलपत विलपत ही दिन बीतत, निसा नींद नहिं आवै स्वप्न दरसहू भयौ असंभव, कैसे मन सचु पावै अब मत देर करो मनमोहन, दया नैकु हिय धारौ सरस सुधामय दरशन दै निज, उर को ताप निवारौ
Sakhi Lala Ke Mukh Pe Makkhan
माखन चोरी सखि लाला के मुँह पे मक्खन, मैंने जब लगा हुआ पाया भोलेपन से कुछ उत्तर दे, चित चुरा कन्हैया भाग गया जिनके घर अब तक नहीं पहुँचा, लाला मक्खन चोरी करने अति उत्कण्ठित वे गोपीजन, आ जाये वहीं उपकृत करने वास्तव में हर ग्वालिन का मन, अटका रहता है मोहन में वे उपालम्भ […]
Radha Ju Mo Pe Aaj Dharo
श्री राधाजी की कृपा राधाजू! मो पै आजु ढरौ निज, निज प्रीतम की पद-रज-रति, मोय प्रदान करौ विषम विषय रस की सब आशा, ममता तुरत हरौ भुक्ति मुक्ति की सकल कामना, सत्वर नास करौ निज चाकर चाकर की सेवा मोहि प्रदान करौ राखौ सदा निकुंज निभृत में, झाड़ूदार बरौ
Pahchan Le Prabhu Ko
हरि स्मरण पहचान ले प्रभु को, घट-घट में वास जिनका तू याद कर ले उनको, कण कण में भी वही है जिसने तुझे बनाया, संसार है दिखाया चौदह भुवन में सत्ता, उनकी समा रही है विषयों की छोड़ आशा, सब व्यर्थ का तमाशा दिन चार का दिलासा, माया फँसा रही है दुनियाँ से दिल हटा […]