Jay Jay Jay Tulsi Maharani
तुलसी आरती जय जय जय तुलसी महारानी, महिमा अमित पुराण बखानी प्रादुर्भाव विष्णु के द्वारा, पूजनीय भक्तन मन मानी तेरे श्री अंगो से प्रकटे, मंजरिया, पल्लव मन-भाये शालिग्राम शिला का पूजन, तुमसे करे सदा सुख पाये हरि पूजन में तुम्हें चढ़ाये, कलिमल-नाश करे पुण्यार्जन गो का दान दिलाये जो फल, सुलभ कराये तेरा दर्शन विश्वपूजिता, […]
Maa Durga Sare Kashta Hare
दुर्गा वन्दन माँ दुर्गा सारे कष्ट हरे साधन ऐसा कोई न अन्य, बस श्रद्धापूर्वक स्मरण करें माँ के जो बत्तीस नाम बड़े, यदि पाठ करें सहस्त्र बार चाहे कष्ट बड़ा कैसा भी हो, निश्चित ही उनको करें पार हिंसक पशु से जो घिर जाये, सौ बार जपें माँ दुर्गा को रक्षा करती तब माताजी और […]
Jay Kamala He Mahalakshmi
महालक्ष्मी स्तवन जय कमला हे महालक्ष्मी जय, सकल जगत माता सुखदाई रत्न मुकुट मस्तक पर राजै, चन्द्रहार गल शोभा पाई कानन में कुंडल, कर कंकण, पग नूपुर झँकार सुहाई गरुड़ चढ़ी हरि संग विराजे, शेषनाग तन सेज बिछाई ‘ब्रह्मानंद’ करे जो सुमिरन, सुख संपति हो जाय सवाई
Om Jay Lakshmi Ramana
सत्यनारायण आरती ॐ जय लक्ष्मीरमणा, प्रभु जय लक्ष्मीरमणा सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक हरणा —-ॐ जय….. रत्नजटित सिंहासन, अद्भुत छबि राजे —-प्रभु अद्भुत …. नारद करत निराजन, घंटा धवनि बाजै —-ॐ जय …. प्रकट भये कलि कारण, द्विज को दरस दियो —-प्रभु द्विज … बूढ़े ब्राह्मण बनकर, कंचन-महल कियो —-ॐ जय….. दुर्बल भील व दीन, जिन पर […]
Aiso Ko Udar Jagmahi
राम की उदारता ऐसो को उदार जग माहीं बिनु सेवा जो द्रवै दीन पर, राम सरिस कोउ नाहीं जो गति जोग बिराग जतन करि, नहिं पावत मुनि ग्यानी सो गति देत गीध सबरी कहँ, प्रभु न बहुत जिय जानी जो संपत्ति दस सीस अरपि करि रावन सिव पहँ लीन्हीं सोई संपदा विभीषन कहँअति, सकुच सहित […]
Pawan Prem Ram Charan
रामनाम महिमा पावन प्रेम राम-चरन-कमल जनम लाहु परम राम-नाम लेत होत, सुलभ सकल धरम जोग, मख, विवेक, बिरति, वेद-विदित करम करिबे कहुँ कटु कठोर, सुनत मधुर नरम ‘तुलसी’ सुनि, जानि बूझि, भूलहि जनि भरम तेहि प्रभु को होहि, जाहि सबही की सरम
Sis Jata Ur Bahu Visal
राम से मोह सीस जटा उर बाहु विसाल, विलोचन लाल, तिरीछी सी भौहें बान सरासन कंध धरें, ‘तुलसी’ बन-मारग में सुठि सौहें सादर बारहिं बार सुभायँ चितै, तुम्ह त्यों हमरो मनु मोहैं पूछति ग्राम वधु सिय सौं, कहौ साँवरे से सखि रावरे कौ हैं
Prem Vastra Ke Bicha Panwde
शबरी का प्रेम प्रेम-वस्त्र के बिछा पाँवड़े, अर्घ्य नमन जल देकर निज कुटिया पर लाई प्रभु को, चरण कमल तब धोकर आसन प्रस्तुत कर राघव को, पूजा फिर की शबरी ने चख कर मीठे बेर प्रभु को, भेंट किये भिलनी ने स्वाद सराहा प्रभु ने फल का, प्रेम से भोग लगाया प्रेम-लक्षणा-भक्ति रूप, फल प्रभु […]
Omkara Krati Ganapati Ganesh
श्री गणेश वन्दन ओंकारा-कृति गणपति गणेश, श्रद्धा से हम प्रणिपात करें ये ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र रूप, श्रेयस्कर इनका वरण करें दो कर्ण सूप से, ह्वस्व नयन, तीनों गुण,तीनों काल परें यज्ञों के रक्षक, वक्रतुण्ड, सुर, नर, मुनि, योगी ध्यान धरें विद्या वारिधि प्रभु लम्बोदर, गूँगे को गिरा प्रदान करें गिरि पर चढ़ने को समुचित बल, […]
Ab To Sanjh Bit Rahi Shyam
होली अब तो साँझ बीत रही श्याम, छोड़ो बहियाँ मोरी तुम ठहरे ब्रजराज कुँवरजी, हम ग्वालिन अति भोरी आनंद मगन कहूँ मैं मोहन,अब तो जाऊँ पौरी लाज बचेगी मोरी सास, ननद के चुपके छाने, तुम संग खेली होरी अँगुली पकरत पहुँचो पकरयो और करी बरजोरी हम हैं ब्रज की छोरी मीठी-मीठी तान बजाकर, लेन सखिन […]