Aaj Rawal Main Jay Jaykar
श्रीश्री राधा प्राकट्य आज रावल में जय-जयकार भयो यहाँ वृषभानु गोप के, श्री राधा अवतार सज-धज के सब चलीं वेग तें, गावत मंगलाचार पृथ्वी पर त्रिभुवन की शोभा, रूप रासि सुखसार निरखत गावत देत बधाई, तभी भीर भई द्वार ‘परमानँद’ वृषभानु- नंदिनी, जोरी नंदकुमार
Radha Ju Ke Pran Govardhandhari
राधा प्रेमी स्याम राधा जू के प्रान गोवर्धनधारी तरु-तमाल प्रति कनक लतासी, हरि की प्रान राधिका प्यारी मरकत-मणि सम श्याम छबीलो, कंचन-तन-वृषभानु दुलारी ‘सूरदास’ प्रभु प्रीति परस्पर, जोरी भली बनी बनवारी
Krishna Radhika Radha Krishna
युगल स्वरूप कृष्ण राधिका, राधा कृष्ण, तत्व रूप से दोनों एक राधे श्याम, श्याम राधिके, भिन्न तथापि अभिन्न विवेक राधामय जीवन ही कृष्ण का, कृष्णचन्द्र ही जीवन रूप ऐकमेकता दिव्य युगल की, सदा एकरस तत्व अनूप दो के बिना न संभव होता, वितरण लीला का आस्वाद इसीलिये तो तन-मन से वे, लीला करते-निर्विवाद नित्य नया […]
Namo Namo Tulsi Maharani
तुलसी की महिमा नमो नमो तुलसी महारानी, नमो नमो हरि की पटरानी जाको दरस परस अघ नासे, महिमा वेद पुराण बखानी साखा पत्र मंजरी कोमल, श्री पति चरण-कमल लपटानी धन्य आप ऐसो व्रत कीन्हो, सालिगराम के शीश चढ़ानी छप्पन भोग धरे हरि आगे, तुलसी बिन प्रभु एक न मानी प्रेम प्रीत कर हरि वश कीन्हे, […]
Mhimamai Devi Savitri
सावित्री देवी स्तवन महिमामयी देवी सावित्री, अनुकम्पा हम पर करें आप हे मूल प्रकृति, ब्रह्मा की प्रिया, हरलो कृपया सब ताप पाप तेजोमय विग्रह वाली हो, मंगल मयी मोक्षदायिनी हो भक्तों पे अनुग्रह करती हो, सम्पत्ति तथा सुख देती हो हे! प्रीतिदायिनी हों प्रसन्न, सुखदात्री मेरे क्लेश हरो मैं दास तुम्हारा हूँ विपन्न, आनन्द स्वरूपिणि […]
Shivshankar Ka Jo Bhajan Kare
आशुतोष शिव शिवशंकर का जो भजन करें, मनचाहा वर प्रभु से पाते वे आशुतोष औढरदानी, भक्तों के संकट को हरते जप में अर्जुन थे लीन जहाँ पर, अस्त्र-शस्त्र जब पाने को दुर्योधन ने निशिचर भेजा, अर्जुन का वध करने को मायावी शूकर रूप धरे, शीघ्र ही वहाँ पर जब आया शिव ने किरात का रूप […]
Aarti Saraswati Ki Kariye
सरस्वती आरती आरति सरस्वती की करिये, दिव्य स्वरूप सदा मन भाये हरि, हर, ब्रह्मा तुमको ध्यायें, महिमा अमित देव ॠषि गायें श्वेत पद्म अगणित राका सी, अंग कांति मुनिजन को मोहे हंस वाहिनी ब्रह्म स्वरूपा, वीणा, पुस्तक कर में सोहे श्रेष्ठ-रत्न-आभूषण धारी, स्मृति बुद्धि शक्ति स्वरूपा शेष, व्यास, ऋषि वाल्मीकि पूजित, पतित पावनी सरिता रूपा […]
Jagiya Raghunath Kunwar Panchi Van Bole
प्रभाती जागिये रघुनाथ कुँवर, पँछी वन बोले चन्द्र किरन शीतल भई, चकई पिय मिलन गई त्रिविध मंद चलत पवन, पल्लव द्रुम डोले प्रात भानु प्रगट भयो, रजनी को तिमिर गयो भृंग करत गुंजगान कमलन दल खोले ब्रह्मादिक धरत ध्यान, सुर नर मुनि करत गान जागन की बेर भई, नयन पलक खोले
Shabri Sagun Manawat Hai
शबरी की प्रीति शबरी सगुन मनावत है, मेरे घर आवेंगे राम बीज बीन फल लाई शबरी, दोना न्यारे न्यारे आरति सजा प्रार्थना कीन्ही, छिन मंदिर छिन द्वारे ऋषि के वचन सुनत मनमाहीं, हर्ष न ह्रदय समाई घर को काम सकल तज दीन्हों, गुन रघुपति के गाई अनुज सहित प्रभु दरसन दीन्हों, परी चरन लपटाई ‘तुलसीदास’ […]
Jay Jayati Jay Raghuvansh Bhushan
श्रीराम स्तुति जय जयति जय रघुवंश भूषण, राम राजिव लोचनम् त्रय ताप खण्डन जगत् मण्डन ध्यान गम्य अगोचरम् अद्वैत अविनाशी अनिन्दित, मोद प्रद अरि गंजनम् भव वारिधि के आप तारक, अन्य जगत् विडम्बनम् हे दीन दारिद के विदारक! दयासिन्धु कृपा करम् हे आश्रितों के आप पालक! दु:ख शोक विनाशकम्