Bhagwan Radha Krishna Karuna Kar
प्रार्थना भगवान् राधाकृष्ण करुणा कर मुझे अपनाइये संसार-सागर में पड़ा, अविलम्ब आप बचाइये धन बंधु बांधव मोह माया, जाल में हूँ मैं फँसा आसक्ति से कर मुक्त, जीवन पर सुधा बरसाइये प्रभु दोष मेरे अनगिनत, अपराध का भण्डार हूँ गति हीन, साधन हीन के, सब क्लेश कष्ट निवारिये मैं प्रिया प्रियतम राधिका श्री कृष्ण का […]
Mahaveer Aapki Jay Ho
महावीर हनुमान महावीर आपकी जय जय हो संताप, शोक, हरने वाले, हनुमान आपकी जय जय हो सात्विक-गुण बुद्धि के सागर, अंजनी पुत्र की जय जय हो आनन्द बढ़ाये रघुवर का, केसरी-नंदन की जय जय हो माँ सीता के दुख दूर किये, इन पवन-पुत्र की जय जय हो भुज-दण्ड बड़े जिनके प्रचण्ड, रुद्रावतार की जय-जय हो […]
Main Bhul Gai Sakhi Apne Ko
गोपी की प्रीति मैं भूल गई सखि अपने को नित्य मिलन का अनुभव करती, जब से देखा मोहन को प्रात: संध्या दिवस रात का, भान नहीं रहता मुझको सपने में भी वही दिखता, मन की बात कहूँ किसको कैसी अनुपम मूर्ति श्याम की, कैसा मनहर उसका रूप नयन हुए गोपी के गीले, छाया मन सौन्दर्य […]
Rahte Ho Saath Nitya Prabhu Ji
पूजा रहते हो साथ नित्य प्रभुजी, आठ प्रहर दिन रात ही क्यों देख नहीं पाते तुमको, यह अचरज मुझको खलता ही मैं बैठ के नित्य ही आसन पर, लेकर सामग्री हाथों में पूजा करता हूँ विधिवत ही, तब भी दर्शन नहीं पाता मैं आरती दीप से करता हूँ, स्तुति गान भी हूँ गाता तब भी […]
Van Main Ruchir Vihar Kiyo
वन विहार वन में रुचिर विहार कियो शारदीय पूनम वृन्दावन, अद्भुत रूप लियो धरी अधर पे मुरली मोहन स्वर लहरी गुंजाई ब्रज बालाएँ झटपट दौड़ी, सुधबुध भी बिसराई छलिया कृष्ण कहे सखियों को, अनुचित निशि में आना लोक लाज मर्यादा हेतु, योग्य पुनः घर जाना अनुनय विनय करें यों बोली, ‘तुम सर्वस्व हमारे’ ‘पति-पुत्र घर […]
Shiva Shiv Bane Radhika Shyam
शिवाशिव महिमा शिवा शिव बने राधिका श्याम एक बार कैलाश धाम में, शंकर दुर्गा संग करने लगे विहार वहाँ पर, अतिशय अद्भुत ढंग रूप मनोहर अति देवी का, मुग्ध हुए शिवशंकर लगे सोचने नारी को यह, रूप मिला अति सुन्दर शिव बोले मैं बनूँ राधिका, तुम नँदनंदन प्यारी बने प्रभु वृषभानुनंदिनी, दक्षसुता गिरिधारी देव देवियों […]
Shri Radhe Pyari De Daro Ri Bansuri
बंसी की चोरी श्री राधे प्यारी, दे डारो री बाँसुरी मोरी काहे से गाऊँ राधे, काहे से बजाऊँ, काहे से लाऊँ गैया घेरि मुखड़े से गाओ कान्हा, ताल बजावो, चुटकी से लाओ गैया घेरि या बंशी में मेरो प्राण बसत है, सो ही गई अब चोरी न तो सोने की, ना ही चाँदी की, हरे […]
Samarpan Karun Buddhi Bal Mera
भीष्मजी द्वारा स्तवन समर्पण करूँ बुद्धि बल मेरा और न कुछ भी दे पाऊँ प्रभु, जो भी है वह तेरा मेरा मन आबद्ध जगत् में, घट घट के प्रभु वासी दो प्रबोध हे त्रिभुवन-सुन्दर! वृन्दावन के वासी पंकज-नयन, तमाल-वर्ण, आवृत अलकावली मुख पे पीत वसन रवि-किरणों के सम, शोभित श्यामल तन पे अनुपम शोभा कुरुक्षेत्र […]
Janani Main Na Jiu Bin Ram
भरत की व्यथा जननी मैं न जीऊँ बिन राम राम लखन सिया वन को सिधाये, राउ गये सुर धाम कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि, बसिये न वाके ग्राम प्रात भये हम ही वन जैहैं, अवध नहीं कछु काम ‘तुलसी’ भरत प्रेम की महिमा, रटत निरंतर नाम
Man Pachite Hai Avsar Bite
नश्वर माया मन पछितै है अवसर बीते दुरलभ देह पाइ हरिपद भजु, करम, वचन अरु हीते सहसबाहु, दसवदन आदि नृप, बचे न काल बलीते हम-हम करि धन-धाम सँवारे, अंत चले उठि रीते सुत-बनितादि जानि स्वारथ रत, न करू नेह सबही ते अंतहुँ तोहिं तजैंगे पामर! तू न तजै अब ही ते अब नाथहिं अनुरागु, जागु […]