Dar Lage Aur Hansi Aave

कलियुग की रीति डर लागे और हाँसी आवे, गजब जमाना आया रे धन दौलत से भरा खजाना, वैश्या नाच नचाया रे मुट्ठी अन्न जो साधू माँगे, देने में सकुचाया रे कथा होय तहँ श्रोता जावे, वक्ता मूढ़ पचाया रे भाँग, तमाखू, सुलफा, गाँजा, खूब शराब उड़ाया रे उलटी चलन चले दुनियाँ में, ताते जी घबराया […]

Rahna Nahi Des Birana Hai

नश्वर संसार रहना नहीं देस बिराना है यह संसार कागद की पुड़िया, बूँद पड़े घुल जाना है यह संसार काँट की बाड़ी, उलझ उलझ मरि जाना है यह संसार झाड़ और झाँखर, आग लगे बरि जाना है कहत ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, सतगुरु नाम ठिकाना है

Dhuri Dhusrit Nil Kutil Kach Kare Kare

अन्तर्धान लीला धुरि धूसरित नील कुटिल कच, कारे कारे मुखपै बिथुरे मधुर लगें, मनकूँ अति प्यारे झोटा खात बुलाक, मोर को मुकुट मनोहर ऐसो वेष बनाइ जाउ जब, बन तुम गिरिधर तब पल-पल युग-युग सरिस, बीतत बिनु देखे तुम्हें अब निशिमहँ बन छाँड़ि तुम, छिपे छबीले छलि हमें

Kou Ya Kanha Ko Samujhawe

नटखट कन्हैया कोउ या कान्हा को समुझावै कैसो यह बेटो जसुमति को, बहुत ही धूम मचावै हम जब जायँ जमुन जल भरिबे घर में यह घुस जावै संग सखा मण्डली को लै यह, गोरस सबहिं लुटावै छींके धरी कमोरी को सखि, लकुटी सो ढुरकावै आपु खाय अरु धरती पर, गोरस की कीच बनावै जब हम […]

Mare Jivan Dhan Nandlal

निवेदन मेरे जीवन धन नंदलाल तुम बिनु मेरे प्राणनाथ! ये तन मन बहुत विहाल तरसहिं नयन दरस को निसिदिन, लागहिं भोग बवाल इसी भाँति सब वयस बिताई, मिले ने तुम गोपाल कहा करों, कोउ पन्थ न सूझत, कैसे मिलि हो लाल मेरे जीवन के जीवन तुम, तुम बिनु सब जंजाल कहा तिहारी बान प्रानधन, तरसावहु […]

Jay Jay Brajraj Kunwar

रूप छटा जय जय ब्रजराज-कुँवर, राधा मन-हारी मुरलीधर मधुर अधर, जमुना तट चारी नील बरन पीत वसन, संग ग्वाल गोपीजन मुनिमन हर, मंद हँसन, गुंज-माल धारी निरतत नटवर सुवेष, सोहै सिर मोर-मुकुट हरत मदन मद असेस, गोपी-सुख-कारी

Jay Durge Durgati Dukh Harini

दुर्गादेवी स्तवन जय दुर्गे दुर्गति दुःख हारिणि, शुंभ विदारिणि, मात भवानी आदि शक्ति परब्रह्म स्वरूपिणि, जग जननी माँ वेद बखानी ब्रह्मा, शिव, हरि अर्चन कीनो, ध्यान धरत सुर-नर-मुनि-ज्ञानी अष्ट भुजा, कर खंग बिराजे, सिंह सवार सकल वरदानी ‘ब्रह्मानंद’ शरण में आयो, भव-भय नाश करो महारानी 

Anguli Par Dhar Giriraj

गिरिधारी अँगुली पर धर गिरिराज नाम गिरधारी पायो है बन्द हुयो सुरपति पूजन, गिरिराज पुजायो है सवा लाख मण सामग्री को, भोग लगायो है पड़ी स्वर्ग में खबर, क्रोध शचीपति को आयो है मूसलधार अपार बहुत ही, जल बरसायो है पड़ी न ब्रज पर बूँद, इन्द्र मन में घबरायो है ब्रजवासी सब कहें श्याम, गिरिराज […]

Ab Nithurai Tajo Brajrani

बालकृष्ण बंधन अब निठुराई तजो ब्रजरानी ऐसो लाल बाँधवे लायक, द्युति आनन कुम्हलानी भाग बड़े विधि दयो एक सुत, पूजत शंभु-भवानी ताको उदर दाम ते बाँध्यो, करुणा कितै गँवानी नित नवनीत खात हरि हमरो, गोपीन की मनभानी मात जसोदा जरा न मानी, गोप-वधुन की बानी बाँध दियो जब बाल-कृष्ण को, फिर मन में पछतानी

Aaj Sakhi Nandnandan Pragate

श्रीकृष्ण प्राकट्य आजु सखी, नँद-नंदन प्रगटे, गोकुल बजत बधाई री कृष्णपक्ष की अष्टमी भादौ, योग लग्न घड़ी आई री गृह-गृह ते सब बनिता आई, गावत गीत बधाई री जो जैसे तैसे उठि धाई, आनन्द उर न समाई री चौवा चन्दन और अरगजा, दधि की कीच मचाई री बन्दीजन सुर नर गुन गावें, शोभा बरनि न […]