Mhari Sudh Kripa Kar Lijo

शरणागति म्हारी सुध किरपा कर लीजो पल पल ऊभी पंथ निहारूँ, दरसण म्हाने दीजो मैं तो हूँ बहु ओगुणवाली, औगुण सब हर लीजो मैं दासी थारे चरण-कँवल की, मिल बिछड़न मत कीजो ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरि चरणाँ में लीजो

Swami Sab Sansar Ka Ji Sancha Shri Bhagwan

संसार के स्वामी स्वामी सब संसार का जी, साँचा श्री भगवान दान में महिमा थाँरी देखी, हुई हरि मैं हैरान दो मुठ्ठी चावल की फाँकी, दे दिया विभव महान भारत में अर्जुन के आगे, आप हुया रथवान ना कोई मारे, ना कोई मरतो, यो कोरो अज्ञान चेतन जीव तो अजर अमर है, गीताजी को ज्ञान […]

Jiv Bas Ram Nam Japna

हरिनाम स्मरण जीव बस राम नाम जपना, जरा भी मत करना फिकरी भाग लिखी सो हुई रहेगी, भली बुरी सगरी ताप करके हिरणाकुश राजा, वर पायो जबरी लौह लकड़ से मार्यो नाहीं, मर्यौ मौत नख री तीन लोक ककी माता सीता, रावण जाय हरी जब लक्षमण ने करी चढ़ाई, लंका गई बिखरी आठों पहर राम […]

Moko Kahan Dhundhe Re Bande

आत्मज्ञान मोको कहाँ ढूँढे रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में ना मंदिर में ना मस्जिद में, ना पर्वत के वास में ना जप ताप में, ना ही योग में, ना मैं व्रत उपवास में कर्म काण्ड में मैं नहीं रहता, ना ही मैं सन्यास में खोज होय साँची मिल जाऊँ, इक पल की ही […]

Durga Devi Daya Karahu

श्री दुर्गा स्तुति दुर्गा देवी दया करहु, दुख दुरित नसाओ शक्ति हीन संतान परी माँ! आय जगाओ भये भवानी भीत, आय भय भूत भगाओ खड्ग हाथ महँ देहु, युद्ध को पाठ पढ़ाओ कलि कराल कलुषित करहिँ, करि कल्यान कपर्दिनी मेटो ममता मोह कूँ, महिषासुर मद मर्दिनी

Nachat Nandlal Madhur Bajat Paijaniya

बालकृष्ण नाचत नंदलाल, मधुर बाजत पैजनियाँ निरखि निरखि हुलसहि हिय, मोहित नँदरनियाँ मणिमय आँगन अनूप, निरखत निज छाँह रूप हँसि हँसि निरखत स्वरूप, करि करि किलकरियाँ निरखि सो अनूप रंग, मो मन अतिसय उमंग पुलकित सब अंग अंग, पग पग रुनझुनियाँ  

Sakhi Lala Ke Mukh Pe Makkhan

माखन चोरी सखि लाला के मुँह पे मक्खन, मैंने जब लगा हुआ पाया भोलेपन से कुछ उत्तर दे, चित चुरा कन्हैया भाग गया जिनके घर अब तक नहीं पहुँचा, लाला मक्खन चोरी करने अति उत्कण्ठित वे गोपीजन, आ जाये वहीं उपकृत करने वास्तव में हर ग्वालिन का मन, अटका रहता है मोहन में वे उपालम्भ […]

Radha Ju Mo Pe Aaj Dharo

श्री राधाजी की कृपा राधाजू! मो पै आजु ढरौ निज, निज प्रीतम की पद-रज-रति, मोय प्रदान करौ विषम विषय रस की सब आशा, ममता तुरत हरौ भुक्ति मुक्ति की सकल कामना, सत्वर नास करौ निज चाकर चाकर की सेवा मोहि प्रदान करौ राखौ सदा निकुंज निभृत में, झाड़ूदार बरौ  

Laga Le Prem Prabhu Se Tu

शरणागति लगाले प्रेम प्रभु से तू, अगर जो मोक्ष चाहता है रचा उसने जगत् सारा, पालता वो ही सबको है वही मालिक है दुनियाँ का, पिता माता विधाता है नहीं पाताल के अंदर, नहीं आकाश के ऊपर सदा वो पास है तेरे, ढूँढने क्यों तू जाता है पड़े जो शरण में उसकी, छोड़ दुनियाँ के […]

Anurag Mai Vardan Mai

भारत माता अनुरागमयी वरदानमयी भारत जननी भारत माता! मस्तक पर शोभित शतदल सा, यह हिमगिरि है शोभा पाता नीलम-मोती की माला सा, गंगा-यमुना जल लहराता वात्सल्यमयी तू स्नेहमयी, भारत जननी भारत माता सूरज की सुनहरी किरणों से गूंथी लेकर के मालाएँ सौंदर्यमयी श्रृंगारमयी, भारत जननी भारत माता तेरे पग पूजन को आतीं, सागर लहरों की […]