Devopasna Shubhkari
देवोपासना देवोपासना शुभकारी संहिता वेद सब शास्त्र कहे, आराधन सब विधि हितकारी श्रीराम-कृष्ण व महादेव, दुर्गा भैया भी संग में हो भगवान सूर्य, श्रीगणपतिजी, ये पाँच देव पूजा में हों षोडोपचार, पंचोपचार, जैसा भी मन में हो विचार इन देवों की जो पूजा हो, श्रृद्धा की मन हो बहार कर्मों का बन्धन कट जाता, प्रभु […]
Nav Se Kar Do Ganga Paar
केवट का मनोभाव नाव से कर दो गंगा पार भाग्यवान् मैं हूँ निषाद प्रभु लेऊ चरण पखार जब प्रभु देने लगे मुद्रिका जो केवट का नेग बोला केवट प्रभु दोनों की जाति ही भी तो एक चरण कमल के आश्रित हूँ प्रभु करो न लोकाचार भवसागर के आप हो केवट करना मुझको पार
Purushartha Kiya Gat Jivan Main
पुरुषार्थ पुरुषार्थ किया गत जीवन में, प्रारब्ध वही तो होता है जो आज करें हम कर्म वही, कल का भविष्य हो जाता है आवश्यक हम सत्कार्य करे, तत्क्षण फल की आशा न करें भगवान् कृष्ण भी अर्जुन को, ये ही उपदेश प्रदान करें कहीं होनहार की आड़ लिये, हम अकर्मण्य नहीं हो जाये कर्तव्य-कर्म हम […]
Prabhu Ke Adbhut Karma Kiya
पृथ्वी का उद्धार प्रभु ने अद्भुत कर्म किया करुणा-निधि श्री हरि तुमने, जो शूकर रूप लिया ऊँच नीच का भेद जीव में, यह भम्र दूर किया यज्ञ रूप हो तुम्हीं शास्त्र में, यह स्पष्ट किया पृथ्वी जल से बाहर लाये, जनहित कार्य किया
Pritam Hamaro Pyaro Shyam
श्रीकृष्ण स्मरण प्रीतम हमारो प्यारो श्याम गिरधारी है मोहन अनाथ-नाथ, संतन के डोले साथ वेद गुण गावे गाथ, गोकुल विहारी है कमल बिसाल नैन, निपट रसीले बैन श्याम को ही रूप वृषभानु की दुलारी है केशव दया-निधान, वाही सो हमारो ध्यान तन-मन पे वारूँ प्रान, जीवन मुरारी है मिरूँ मैं साँझ-भोर, बार-बार हाथ जोर कहत […]
Bhagwan Aapke Ram Rup
श्री राम स्तुति भगवान् आपके राम रूप को, करता हूँ सादर प्रणाम प्रभु शुद्ध, शान्त, संतों के प्राण, सीतापति मर्यादा नीति धाम अखिलेश्वर हो, आनँदकंद, प्रभु अद्धितीय हितकारी हो हे लक्ष्मी पति, देवादि देव, सच्चिदानंद भयहारी हो गुणग्राम, अपका जपूँ नाम, सृष्टि के कर्ता धर्ता हो हे अविनाशी, हे विश्वात्मा, पालनहारी, संहर्ता हो हे रावणारि […]
Bheje Man Bhawan Ke Uddhav Ke Aawan Ki
गोपियों की ललक भेजे मन-भावन के उद्धव के आवन की, सुधि ब्रज-गाँवनि में पावन जबैं लगी कहैं, ‘रतनाकर’ गुवालिनि की झौरि-झौरि, दौरि-दौरि नंद-पौरि आवन तबै लगीं उझकि-उझकि पद-कंजनि के पंजनि पै, पेखि-पेखि पाती छाती छोहनि छबै लगीं हमकौं लिख्यौ है कहा, हमकौं लिख्यौ है कहा, हमकौं लिख्यौ है कहा, कहन सबै लगीं
Muskan Madhur Mohini Chitwan
श्री राधा कृष्ण स्तवन मुस्कान मधुर, मोहिनी चितवन, राधा गोविंद का हो चिन्तन वृषभानु-कुमारी, नँद-नन्दन, मैं चरण वन्दना करता हूँ मुख नयन कमल से खिले हुए, सिर स्वर्ण चन्द्रिका मोर मुकुट केशर-कस्तूरी तिलक भाल, मैं ध्यान उन्हीं का करता हूँ श्री अंगों की शोभा अनूप, नीलाम्बर पीताम्बर पहने फूलों के गजरे रत्न हार, वह रूप […]
Mrig Naini Ko Pran Naval Rasiya
रसिया मृगनैनी को प्रान नवल रसिया, मृगनैनी बड़ि-बड़ि अखिंयन कजरा सोहे, टेढ़ी चितवन मेरे मन बसिया अतलस को याकें लहेंगा सोहे, प्यारी झुमक मेरे मन बसिया छोटी अंगुरिन मुँदरी सोहे, बीच में आरसी मन बसिया बाँह बड़ो बाजूबन्द सोहे, हियरे में हार दीपत छतिया ‘पुरुषोत्तम’ प्रभु की छबि निरखत, सबै छोड़ ब्रज में बसिया रंग […]
Vipatti Ko Samjhen Ham Vardaan
विपदा का लाभ विपत्ति को समझें हम वरदान सुख में याद न आये प्रभु की, करें नहीं हम गान कुन्ती ने माँगा था प्रभु से, विपदायें ही आयें कष्ट दूर करने प्रभु आये, दर्शन तब हो जायें हुआ वियोग श्याम से जिनका, गोपियन अश्रु बहाये स्मरण करे प्रतिपल वे उनको, दिवस रात कट जाये अनुकुल […]