Ya Braj Me Kachu Dekho Ri Tona

मुग्धा या वृज में कछु देखोरी टोना ले मटुकी गिर चली गुजरिया, आय मिले बाबा नंद को छोना दधि की पांग बिसरि गई प्यारी, लीजो रीं कोई श्याम सलौना बृन्दावन की कुंज गलिन में, आँख लगायो री मन-मोहना ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, सुन्दर श्याम सुघर रस लोना

Hamro Pranam Banke Bihari Ko

मीरा का प्रणाम हमरो प्रणाम बाँके बिहारी को मोर मुकुट माथे तिलक बिराजै, कुण्डल अलका कारी को अधर धर मुरली मधुर बजावै, रिझावै राधा प्यारी को यह छबि देख मगन भई ‘मीराँ’, मोहन गिरिवर धारी को

Tune Hira So Janam Gawayo

भजन महिमा तूँने हीरा सो जनम गँवायो, भजन बिना बावरे ना संता के शरणे आयो, ना तूँ हरि गुण गायो पचि पचि मर्यो बैल की नाईं, सोय रह्यो उठ खायो यो संसार हात बनियों की, सब जग सौदे आयो चतुर तो माल चौगुना कीना, मूरख मूल गवाँयो यो संसार माया को लोभी, ममता महल चितायो […]

Ram Bhaja So Hi Jag Main Jita

भजन महिमा राम भजा सोहि जग में जीता हाथ सुमिरनी, बगल कतरनी, पढ़े भागवत गीता हृदय शुद्ध कीन्हों नहीं तेने, बातों में दिन बीता ज्ञान देव की पूजा कीन्ही, हरि सो किया न प्रीता धन यौवन तो यूँ ही जायगा, अंत समय में रीता कहे ‘कबीर’ काल यों मारे, जैसे हरिण को चीता

Nath Tav Charan Sharan Main Aayo

शरणागति नाथ तव चरण शरन में आयो अब तक भटक्यो भव सागर में, माया मोह भुलायो कर्म फलनि की भोगत भोगत, कईं योनिनि भटकायो पेट भयो कूकर सूकर सम, प्रभु-पद मन न लगायो भई न शान्ति, न हिय सुख पायो, जीवन व्यर्थ गँवायो ‘प्रभु’ परमेश्वर पतति उधारन, शरनागत अपनायो

Pyare Mohan Bhatak Na Jau

श्याम से लगन प्यारे मोहन भटक न जाऊँ तुम ही हो सर्वस्व श्याम, मैं तुम में ही रम जाऊँ जब तक जिऊँ तुम्हारे ही हरि! अद्भुत गुण मैं गाऊँ गा-गा गुण गौरव तब मन में, सदा सदा सरसाऊँ भूल भरा हूँ नित्यनाथ! मैं तुमसे यही मनाऊँ सदा प्रेरणा करना ऐसी, तुम्हें न कभी भुलाऊँ तुम्हने […]

Saras Ras Hai Vrindavan Main

श्री वृन्दावन सरस रस है वृन्दावन में ग्यान ध्यान को मान न, रति-रस सरसत जन मन में राधे राधे-कहहिं लग्यौ मन, राधा जीवन में सबही को है सहज भाव, निजता को मोहन में ललन-लली की लाली ही तो, छाई कन कन में गोपी गोप मनहुँ प्रगटे नर-नारिन के तन में प्रिय को नित्य विहार प्रिया […]

Shyam Ne Kaha Thagori Dari

श्याम की ठगौरी स्याम ने कहा ठगोरी डारी बिसरे धरम-करम, कुल-परिजन, लोक साज गई सारी गई हुती मैं जमुना तट पर, जल भरिबे लै मटकी देखत स्याम कमल-दल-लोचन, दृष्टि तुरत ही अटकी मो तन मुरि मुसुकाए मनसिज, मोहन नंद-किसोर तेहि छिन चोरि लियौ मन सरबस, परम चतुर चित-चोर  

He Sakhi Sun To Vrindawan Main

वृंदावन केलि हे सखि सुन तो वृन्दावन में, बंसी श्याम बजावत है सब साधु संत का दुख हरने, ब्रज में अवतार लिया हरि ने वो ग्वाल-बाल को संग में ले, यमुना-तट धेनु चरावत है सिर मोर-पंख का मुकुट धरे, मकराकृत कुण्डल कानों में वक्षःस्थल पे वनमाल धरे, कटि में पट पीत सुहावत है वृन्दावन में […]

Ab Man Krishna Krishna Kahi Lije

श्रीकृष्ण स्मरण अब मन कृष्ण कृष्ण कहि लीजे कृष्ण कृष्ण कहि कहिके जग में, साधु समागम कीजे कृष्ण नाम की माला लेके, कृष्ण नाम चित दीजे कृष्ण नाम अमृत रस रसना, तृषावंत हो पीजै कृष्ण नाम है सार जगत् में, कृष्ण हेतु तन छीजे ‘रूपकुँवरि’ धरि ध्यान कृष्ण को, कृष्ण कृष्ण कहि लीजे