Baje Baje Re Shyam Teri Pejaniyan

श्याम की पैंजनियाँ बाजे-बाजे रे स्याम तेरी पैजनियाँ माता यशोदा चलन सिखावत, उँगली पकड़ कर दो जनियाँ राजत अनुपम लाल झगुला, पीट बरन सुन्दर तनिया ‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, तीन लोक के तुम धनिया

Muraliya Mat Baje Ab Aur

मुरली का जादू मुरलिया! मत बाजै अब और हर्यौ सील-कुल-मान करी बदनाम मोय सब ठौर रह्यो न मोपै जाय सुनूँ जब तेरी मधुरी तान उमगै हियौ, नैन झरि लागै, भाजन चाहैं प्रान कुटिल कान्ह धरि तोय अधर पर, राधा राधा टेरे रहै न मेरौ मन तब बस में, गिनै न साँझ सवेरे

Baje Baje Muraliya Baje

बाजे बाजे मुरलिया बाजे वृन्दावन में तरू कदम्ब तल, राधे श्याम बिराजे अद्भुत शोभा दिव्य युगल की, कोटि काम रति लाजें नटवर वेष घण्यो साँवरिया, बाँस की बनी बँसुरिया, बंशी धुनि सुनि भगन सबहिजन, प्रीति रीति रस जागे कनक मुद्रिका अँगुरी सोहे, मोर मुकुट माथे पे सोहे, गोपी ग्वाल मुदित मन बिहसें सकल गोरी लाजे […]