Shri Krishna Kahte Raho

श्रीकृष्ण-भक्ति श्री कृष्ण कहते रहो, अमृत-मूर्ति अनूप श्रुति शास्त्र का मधुर फल, रसमय भक्ति स्वरूप कर चिन्तन श्रीकृष्ण का, लीलादिक का ध्यान अमृत ही अमृत झरे, करुणा प्रेम-निधान कण-कण में जहाँ व्याप्त है, श्यामा श्याम स्वरूप उस वृन्दावन धाम की, शोभा अमित अनूप जप-तप-संयम, दान, व्रत, साधन विविध प्रकार मुरलीधर से प्रेम ही, निगमाम का […]