Yashoda Nand Gopijan Dukhi Hai
विरह वेदना यशोदा, नन्द, गोपीजन, दुखी है विरह पीड़ा से परम प्यारा सभी का मैं, कहे यो श्याम उद्धव से उधोजी ब्रज में जाकर के, मिले तब नन्द बाबा से कभी गोविंद आयेंगे, यों पूछा नन्द ने उनसे बही तब आँसुओं की धार, यशोदा नन्द नयनों से रुँध गया कण्ठ दोनों का, बोल ना पाय […]
Vandaniya Tulsi Maharani
तुलसी अर्चना वंदनीय तुलसी महारानी, अद्भुत महिमा शास्त्र बखानी नित्य धाम गोलोक से आई, कल्पवृक्ष सम महिमा गाई श्याम वर्ण शोभा सुखदाई, पृथ्वी मूल्यवान निधि पाई श्री हरि सेवा पूजन हेतु, तुलसीजी का बाग लगाये प्रेत पिशाच भूत भग जाये, यज्ञ, दान, व्रत का फल पाये प्रभु पूजा नैवेद्य आदि में, तुलसी दल अनिवार्य धराये […]
Shashwat Sathi Bas Aatma Hi
आत्मानुभूति शाश्वत साथी बस आत्मा ही जन्म से पूर्व, मृत्यु के बाद, रहता जो निरन्तर एक यही वह नहीं छोड़ता कभी हमें, परमात्मा का ही अंश जान परिवार प्रति कर्तव्य व्यक्ति का, इसका भी होए सदा मान रागात्मक भाव नहीं किन्तु, अनुभूति विराग की हो मन में निर्वहन करे दायित्वों का व पालन करे यथा […]
Shri Bhagvad Gita Divya Shastra
गीतोपदेश श्री भगवद्गीता दिव्य शास्त्र जिसमें वेदों का भरा सार वाणी द्वारा इसका माहात्म्य, अद्भुत कोई पाता न पार भगवान् कृष्ण-मुख से निसृत, यह अमृत इसका पान करे स्वाध्याय करे जो गीता का, उसके यह सारे क्लेश हरे मृगतृष्णा-जल जैसी दुनिया, आसक्ति मोह का त्याग करें कर्तापन का अभिमान छोड़, हम शास्त्र विहित ही कर्म […]
Sakhi Sapane Mohan Aaye
ब्रज की स्मृति सखि, सपने में मनमोहन आये बड़े दुखी है मथुरा में वे, कोई तो समझाये टप टप आँसू गिरें नयन से, घूम रहे उपवन में नहीं सँभाल पाते अपने को, व्याकुलता है मन में कहते प्राणेश्वरी राधिके, निश दिन रहूँ उदास लोग भले ही कहें यहाँ सुख, झूठ-मूठ विश्वास तेरे बिना एक पल […]
Om Har Har Har Mahadev
शिव आरती – महादेव ॐ हर हर हर महादेव जय नटराज, महेश्वर, महाकाल, शम्भो आदि, अखण्ड, अगोचर, त्रिगुणातीत विभो विश्वनाथ त्रिपुरारी, हे ओंकार स्वरूप ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव तीनों एक ही रूप पर ब्रह्म, परमेश्वर, गंगाधर, गणनाथ सत्-चित्-आनन्द सुन्दर, पशुपति भोलेनाथ दक्ष-यज्ञ विध्वंसक, मदन नाश करता कोटि सूर्य सम आभा, सौम्य रूप धरता चिता भस्म तन […]
Om Jay Lakshmi Mata
महालक्ष्मी आरती ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया तुम ही जग धाता सद्गुण, सम्पति दाता, भव-भय की त्राता पराशक्ति परमेश्वरि, सच्चिदानन्दमयी गरुड़ारूढ़ महेश्वरि, अनुपम नित्य नयी उज्ज्वल वसन, सुहासिनि, श्रीविग्रह सोहे महाशक्ति सम्मोहिनि, त्रिभुवन मन मोहे चन्द्र समान प्रकाशित, छाजे मणि-मुक्ता रत्नमाल गल शोभित, स्वर्ण रजत युक्ता श्रीसूक्त से पूजित, कमला महारानी हरि-हर-ब्रह्मा वन्दित, स्नेहमयी दानी […]
Anupranit Vaidik Dharma Kiya
आद्य शंकराचार्य अनुप्राणित वैदिक धर्म किया, श्रद्धा से उनका स्मरण करें वे ज्ञान मूर्ति शंकर ही थे, हम सादर उन्हें प्रणाम करें जब धर्म अवैदिक फैल गया तो ब्रह्मवाद हो गया मन्द अवतरित हुए शंकराचार्य तो श्रुति विरोध का हुआ अंत आचार्य-चरण से सुलभ हमें स्तुतियाँ श्रेष्ठ प्रभु-विग्रह की श्रद्धापूर्वक हम गान करें, हो सुदृढ़ […]
Avtar Hum Shri Raghav Ka
श्रीराम प्राकट्य अवतार हुआ श्री राघव का, तो चैत्र-मास की नवमी थी मौसम सुहावना सुखकारी, तब ऋतु बसंत छवि छाई थी आनन्द विभोर अयोध्या थी, उन्मुक्त तरंगें सरयू की हर्षातिरेक से भरी हुई, यह स्थिति मात कौसल्या की चौथेपन में बेटा पाया, कोसलाधीश को हर्ष हुआ मन चाहीं भेंट मिली सबको, नाचें गायें दें सभी […]
Om Ke Gayen Sab Mil Geet
ॐ वन्दना ॐ के गायें सब मिल गीत सकल सृष्टि आधार प्रणव है, धर्म कर्म का सार यही है कण-कण इसमें, यह कण कण में, निराकार साकार यही है सच्चिदानंदघन भी ये ही है, वेदों का भी जनक यही है गायें गीत ॐ के जो जन, मन वांछित फल पाता है जन्म मरण चक्कर से […]