Kalindi Kamniy Kulgat

श्री कृष्ण माधुर्य कालिन्दी कमनीय कूलगत, बालु सुकोमल ब्रज बाथिनि महँ बिछी रहे, बनिके तहँ निश्चल तापै विहरत श्याम चरण, मनि नूपुर धारे परम मृदुल मद भरे बजे, जहाँ जहाँ सुकुमारे अब टक ब्रजरज मध्य में, अंकित जो पदचिन्ह हैं तिनि चरननि वन्दन करौं, जो सबही तें भिन्न हैं केशपाश अति सघन, वरन कारे घुँघरारे […]

Man Ga Tu Madhav Rag Re

चेतावनी मन गा तू माधव राग रे, कर माधव से अनुराग रे कृष्ण भजन को नर तन पाया, यहाँ आय जग में भरमाया छोड़ छोड़ यह माया छाया, श्याम सुधारस पाग रे माधव ही तेरा अपना है, और सभी कोरा सपना है दुनिया से जुड़ना फँसना है, इस बंधन से भाग रे मोह निशा में […]

Aaj Sakhi Shyam Sundar

मुरली का जादू आज सखी श्याम सुंदर बाँसुरी बजाये मोर-मुकुट तिलक भाल, पग में नूपुर सुहाये बिम्बाधर मुरलीधर, मधुर धुन सुनाये यमुना को रुकत नीर, पक्षीगण मौन भये धेनू मुख घास डार, धुनि में मन लाये त्रिभुवन में गूँज उठी, मुरली की मधुर तान समाधि भी गई टूट, योगी मन भाये बंशी-स्वर सुन अपार, भूले […]

Avatarit Hue Bhagwan Krishna

श्रीकृष्ण प्राकट्य अवतरित हुए भगवान कृष्ण, पृथ्वी पर मंगल छाया है बज गई स्वर्ग की दुन्दुभियाँ,चहुँ दिशि आनन्द समाया है था गदा, चक्र अरु कमल, शंख, हाथों में शोभित बालक के श्रीवत्स चिन्ह वक्षःस्थल पे, कटि में भी पीताम्बर झलके वसुदेव देवकी समझ गये, यह परमपुरुष पुरुषोत्तम है जो पुत्र रूप में प्राप्त हुआ, साक्षात् […]

Chal Rahe Bakaiyan Manmohan

बालकृष्ण चल रहे बकैयाँ मनमोहन, सन गये धूल में जो सोहन जब नहीं दिखी मैया उनको किलकारी मारे बार बार माँ निकट रसोईघर में थी, गोदी में लेकर किया प्यार आँचल से अंगों को पोछा और दूध पिलाने लगी उन्हें क्षीरोदधि में जो शयन करें, विश्वम्भर कहते शास्त्र जिन्हें

Jagahu Brajraj Lal Mor Mukut Ware

प्रभाती जागहु ब्रजराज लाल मोर मुकुट वारे पक्षी गण करहि शोर, अरुण वरुण भानु भोर नवल कमल फूल, रहे भौंरा गुंजारे भक्तन के सुने बैन, जागे करुणा अयन पूजि के मन कामधेनु, पृथ्वी पगु धारे करके फिर स्नान ध्यान, पूजन पूरण विधान बिप्रन को दियो दान, नंद के दुलारे करके भोजन गुपाल गैयन सँग भये […]

Dhuri Bhare Ati Shobhit Shyam Ju

श्री बालकृष्ण माधुर्य धूरि-भरे अति शोभित स्यामजू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी खेलत-खात फिरै अँगना, पग पैंजनी बाजति, पीरी कछौटी वा छबि को रसखानि बिलोकत, बारत काम कलानिधि कोटी काग के भाग कहा कहिए हरि, हाथ सों लै गयो माखन रोटी शेष, महेश, गनेश, दिनेस, सुरेशहु जाहि निरन्तर गावैं जाहि अनादि अखण्ड अछेद, अभेद सुवेद […]

Prabal Prem Ke Pale Padkar

भक्त के भगवान् प्रबल प्रेम के पाले पड़कर, प्रभु को नियम बदलते देखा अपना मान भले टल जाये, भक्त का मान न टलते देखा जिनके चरण-कमल कमला के, करतल से न निकलते देखा उसको ब्रज करील कुंजन के, कण्टक पथ पर चलते देखा जिनकी केवल कृपा दृष्टि से, सकल सृष्टि को पलते देखा उनको गोकुल […]

Bhajahun Re Man Shri Nand Nandan

नवधा भक्ति भजहुँ रे मन श्री नँद-नन्दन, अभय चरण अरविन्द रे दुर्लभ मानव-जनम सत्संग, तरना है भव-सिंधु रे शीत, ग्रीष्म, पावस ऋतु, सुख-दुख, ये दिन आवत जात रे कृपण जीवन भजन के बिन चपल सुख की आस रे ये धन, यौवन, पुत्र, परिजन, इनसे मोह परितोष रे कमल-नयन भज, जीवन कलिमल, करहुँ हरि से प्रीति […]

Main Sunata Hun Din Raat Prabhu

सौन्दर्य निधि श्याम मैं सुनता हूँ दिन रात प्रभु, तुम हो अनंत सौन्दर्य धाम यह रूप-माधुरी कैसी है, एक झलक दिखादो मुझे श्याम सुंदर स्वरूप प्रिय बातों ने, चित चोरा था गोपी-जन का सो तीव्र लालसा मुझको है, वह रूप देख लूँ मोहन का मैं हूँ अधीर दिन रात श्याम, कब दर्शन दोगे मुझे आप […]