Jinake Prafulla Rajiv Nayan

श्रीराम चरित जिनके प्रफुल्ल राजीव नयन, मर्यादा के जो श्रेष्ठ धाम शोभा सागर श्रीरामचन्द्र, सीतापति को शत-शत प्रणाम बाहु प्रलम्ब प्रभु शक्तिमान, कोमल कर धारे धनुष बान मैं नतमस्तक प्रभु कृपा करो, पादाम्बुज भक्ति करो दान राज्याभिषेक होने वाला, इस समाचार से जो न सुखी वनवास हुआ है सुन करके, उनका मन तनिक न हुआ […]

Aarti Kije Shri Raghuvar Ki

राम आरती आरती कीजै श्री रघुवर की, मर्यादा पुरुषोत्तम राम की दशरथ-सुत कौसल्या-नंदन, चंद्र-वदन की शोभा भारी सुर-मुनि-रक्षक, दैत्य-निकंदन, मर्यादित जीवन असुरारी स्वर्ण-मुकुट मकराकृत कुण्डल, हीरक-हार छटा उजियारी भुजा विशाल आभरण अनुपम, भाल तिलक की शोभा न्यारी सूर्य चन्द्र कोटिक छबि लाजै, स्वर्णिम पीताम्बर कटि धारी धीर वीर प्रभु जानकीवल्लभ, शिव, ब्रह्मा, ऋषि मुनि बलिहारी […]

Ankhiyan Hari Darsan Ki Pyasi

वियोग अँखिया हरि दरसन की प्यासी देख्यो चाहत कमलनैन को, निसिदिन रहत उदासी आयो ऊधौ फिरि गये आँगन, डारि गये गल फाँसी केसरि तिलक मोतिन की माला, वृन्दावन को वासी काहु के मनकी कोउ न जानत, लोगन के मन हाँसी ‘सूरदास’ प्रभु तुमरे दरस बिन, लेहौं करवत कासी

Kahan Lage Mohan Maiya Maiya

कहन-लागे-मोहन मैया मैया नंद महर सौ बाबा-बाबा, अरु हलधर सौं भैया ऊँचे चढ़ि चढ़ि कहति जसोदा, लै लै नाम कन्हैया दूर खेलन जिनि जाहु लला रे, मारेगी कोउ गैया गोपी-ग्वाल करत कौतूहल, घर घर बजति बधैया ‘सूरदास’ प्रभु तुम्हे दरस कौ, चरननि की बलि जैया

Gwalin Jo Dekhe Ghar Aay

माखन चोरी ग्वालिन जो देखे घर आय माखन खाय चुराय श्याम तब, आपुन रही छिपाय भीतर गई तहाँ हरि पाये, बोले अपने घर मैं आयो भूल भई, गोरस में चींटी, काढ़न में भरमायो सुन-सुन वचन चतुर मोहन के, ग्वालिनि मुड़ मुसकानी ‘सूरदास’ प्रभु नटनागर की, सबै बात हम जानी

Jewat Kanh Nand Ju Ki Kaniya

बालकृष्ण को जिमाना जेंवत कान्ह नन्दजू की कनियाँ कछुक खात कछु धरनि गिरावत, छबि निरखत नँद–रनियाँ बरी, बरा, बेसन बहु भाँतिन, व्यंजन विविध अँगनियाँ आपुन खात नंद-मुख नावत, यह सुख कहत न बनियाँ आपुन खात खवावत ग्वालन, कर माखन दधि दोनियाँ सद माखन मिश्री मिश्रित कर, मुख नावत छबि धनियाँ जो सुख महर जसोदा बिलसति, […]

Nand Dwar Ek Jogi Aayo Singi Nad Bajayo

शिव द्वारा दर्शन नंद द्वार इक जोगी आयो सिंगी नाद बजायो सीस जता ससि बदन सोहायो, अरुन नयन छबि छायो रोवत खीजत कृष्ण साँवरो, रहत नहीं हुलरायो लियो उठाय गोद नँदरानी, द्वारे जाय दिखायो अलख अलख करि लियो गोद में, चरन चूमि उर लायो श्रवण लाग कछु मंत्र सुनायो, हँसि बालक किलकायो चिर-जीवौ सुत महरि […]

Biharat Ras Rang Gopal

रास लीला बिहरत रास रंग गोपाल नवल स्यामहि संग सोभित, नवल सब ब्रजबाल सरद निसि अति नवल उज्जवल, नव लता बन धाम परम निर्मल पुलिन जमुना, कलपतरु विश्राम कोस द्वादस रास परिमिति, रच्यो नंदकुमार ‘सूर’ प्रभु सुख दियो निसि रमि, काम कौतुक हार

Main To Ta Din Kajara Dehon

श्री कृष्ण से प्रीति मैं तो ता दिन कजरा दैहौं जा दिन नंदनँदन के नैननि, अपने नैन मिलैहौं सुन री सखी, यही जिय मेरे, भूलि न और चितैहौं अब हठ ‘सूर’ यहै व्रत मेरौ विष खाकरि मरि जैहौ

Yadyapi Man Samujhawat Log

विरह व्यथा यद्यपि मन समुझावत लोग सूल होत नवनीत देखि कै, मोहन के मुख जोग प्रात-समय ही माखन रोटी, को बिन माँगे दैहे को मेरे बालक कुँवर कान्ह को, छन छन गोदी लैहे कहियौ जाय पथिक घर आवैं, राम स्याम दौउ भैया ‘सूर’ वहाँ कत होत दुखारी, जिनके मो सी मैया