Kahe Re Van Dhoondhan Jaai
अन्तर्यामी काहे रे वन ढूँढन जाई घट घट वासी सदा अलेपा, तोही संग समाई पुष्प मध्य ज्यों गंध बसत है, मुकुर माँहि जस छार्इं तैसे ही हरि बसे निरन्तर, घट घट खोजौ भाई बाहर भीतर एकौ जानौ, ‘नानक’ ज्ञान बताई
Jagat Main Jivan Kuch Din Ka
नश्वर जीवन जगत् में जीवन कुछ दिन का देह मिली मानव की प्रभु से कर न गर्व इसका सदुपयोग तूँ कर विवेक का, मत कर तूँ मन का काल बली माथे पर नाचे, पता नहीं छिन का राम नाम के दो अक्षर में, सब सुख शांति समाई राम नाम भजले मनवा तूँ, भवसागर तर जाई […]
Jo Pran Tyage Dharma Hit
प्राणोत्सर्ग जो प्राण त्यागे धर्म हित, वह सद्गति को प्राप्त हो सम्राट नामी थे दिलीप, गौ-नन्दिनी भयग्रस्त थी दबोच रक्खा था उसे बली सिंह ने, संकट में थी तब गौ की रक्षा हेतु से, महाराज बोले सिंह को अपनी क्षुधा को शान्त कर, खा ले तूँ मेरी देह को गौ कामधेनु की सुता थी, जिसको […]
Devopasna Shubhkari
देवोपासना देवोपासना शुभकारी संहिता वेद सब शास्त्र कहे, आराधन सब विधि हितकारी श्रीराम-कृष्ण व महादेव, दुर्गा भैया भी संग में हो भगवान सूर्य, श्रीगणपतिजी, ये पाँच देव पूजा में हों षोडोपचार, पंचोपचार, जैसा भी मन में हो विचार इन देवों की जो पूजा हो, श्रृद्धा की मन हो बहार कर्मों का बन्धन कट जाता, प्रभु […]
Pahchan Le Prabhu Ko
परब्रह्म पहचान ले प्रभु को, घट घट में जो है बसते झूठे सभी है सारे, संसार के जो रिश्ते जड़ हो कि या हो चेतन, सबमें वही तो बसते प्रच्छन्न वे नहीं हैं, फिर भी न हमको दिखते कस्तूरी नाभि में पर, मृग खोजता है वन में सबके वही प्रकाशक, तूँ देख उनको मन में […]
Prabhu Ne Hamko Manuj Banaya
कर्मठता प्रभु ने हमको मनुज बनाया प्रभु का नाम हृदय में रख कर, कर्म करो तन मन से प्यारे निश्चित ही फल प्राप्त करोगे, कभी नहीं हिम्मत को हारें आलस या प्रमाद में खोयें, कभी नहीं अनमोल समय को बीत गया, कल लौट न आये, नहीं दोष दो व्यर्थ भाग्य को करे सदा सत्कर्म व्यक्ति […]
Prathvi Par Atyacharon Ka
प्रभु प्राकट्य पृथ्वी पर अत्याचारों का, है लग जाता अम्बार जभी मंगलमय जो है परब्रह्म, विष्णु लेते अवतार तभी पुरुषोत्तम श्रीमन् नारायण, हैं परमानन्द स्वरूप आप स्थापित करते पुनः धर्म, साधु सन्तों का हरें ताप कछुवा, वराह, हयग्रीव, मत्स्य का रूप धरे वे ही आते संहार करें वे असुरों का, पृथ्वी का भार वही हरते […]
Mila Hai Janma Manav Ka
प्रबोधन मिला है जन्म मानव का, गँवाया किन्तु यौवन को साथ में कुछ न जायेगा, चेत जा, याद कर प्रभु को अभी से आत्मचिंतन हो, पढ़ो तुम नित्य गीता को निदिध्यासन मनन भी हो, छुड़ा दे मोह माया को साधना के अनेकों पंथ भी, निर्गुण सगुण कोई श्रेष्ठ पर ज्ञान ही का मार्ग, दिखा सकते […]
Vipada Mangu Main Giridhari
विपदा की चाह विपदा माँगू मैं गिरिधारी कुन्ती देवी कहे आपने, कई आपदा टारी शत-शत करूँ प्रणाम अकिंचन, हूँ अबोध मैं नारी लाक्षा-गृह अग्नि, हिडिम्ब से रक्षा की असुरारी दुर्वासा भोजन को आये तब भी विपद् निवारी तृप्त किया उनको विश्वम्भर, बची द्रोपदी प्यारी दुष्ट दुशासन ने खीचीं थी, पुत्र-वधू की सारी लियो वस्त्र अवतार, […]
Sakhi Ye Badbhagi Hai Mor
बड़भागी नंद यशोदा सखी! ये बड़भागी हैं मोर जेहि पंखन को मुकुट बन्यो है धर लियो नंद किशोर बड़ भागी अति नंद यशोदा, पुण्य किये भर जोर शिव विरंचि नारद मुनि ज्ञानी, ठाड़े हैं कर जोर ‘परमानन्द’ दास को ठाकुर, गोपियन के चितचोर