Janani Janki Jad Jivani Dhing Chyon Tum Aayi
श्री जानकी स्तुति जननि जानकी! जड़ जीवनि ढिँग च्यौं तुम आयीं च्यौं अति करुनामयी दुखद लीला दरसायीं तब करुना के पात्र अज्ञ, जड़ जीव नहीं माँ करुनावश ह्वै जगत हेतु, अति विपति सहीं माँ हाय! कहाँ अति मृदुल पद, कहँ कंकड़युत पथ विकट ह्वैकें अति प्रिय राम की, रहि न सकीं तिनके निकट
Aaju Jugal Var Raas Rachayo
रास लीला आजु जुगल वर रास रचायो, कालिन्दी के कूल री सजनी ब्रह्मा, शिव की मति बौराई, मनसिज के मन सूल री सजनी बिच बिच गोपी श्याम सुशोभित, जनु मुक्ता-मणि माल री सजनी बाजहिं बहु-विधि वाद्य अनूपम, राग रंग ध्वनि मीठी री सजनी भाव भंगि करि नाचहिं गावहिं, उर उमँग्यौ अनुराग री सजनी कटि किंकिनि […]
Man Ga Tu Madhav Rag Re
चेतावनी मन गा तू माधव राग रे, कर माधव से अनुराग रे कृष्ण भजन को नर तन पाया, यहाँ आय जग में भरमाया छोड़ छोड़ यह माया छाया, श्याम सुधारस पाग रे माधव ही तेरा अपना है, और सभी कोरा सपना है दुनिया से जुड़ना फँसना है, इस बंधन से भाग रे मोह निशा में […]
Aaju In Nayananhi Nirakhe
माधव की मोहिनी आजु इन नयनन्हि निरखे स्याम निकसे ह्वै मेरे मारग तैं, नव नटवर अभिराम मो तन देखि मधुर मुसकाने, मोहन-दृष्टि ललाम ताही छिनते भए तिनहिं के, तन-मन-मति-धन-धाम हौं बिनु मोल बिकी तिन चरनन्हि, रह्यौ न जग कछु काम माधव-पद-पंकज मैं पायौ, मन मधुकर विश्राम
Jagat Main Jivan Hai Din Char
सदुपदेश जगत में जीवन है दिन चार खरी कमाई से ही भोगो, किंचित सुख संसार मात-पिता गुरुजन की सेवा, कीजै पर उपकार पशु पक्षी जड़ सब के भीतर, ईश्वर अंश निहार द्वेष भाव मन से बिसराओ, करो प्रेम व्यवहार ‘ब्रह्मानंद’ तोड़ भव-बंधन, यह संसार असार
Shankar Teri Jata Main Shamil Hai Gang Dhara
शिवशंकर शंकर तेरी जटा में शोभित है गंग-धारा काली घटा के अंदर, चपला का ज्यों उजारा गल मुण्डमाल राजे, शशि शीश पर बिराजे डमरू निनाद बाजे, कर में त्रिशूल साजे मृग चर्म वसन धारी, नंदी पे हो सवारी भक्तों के दुःख हारी, गिरिजा के सँग विहारी शिव नाम जो उचारे, सब पाप दोष जारे भव-सिंधु […]
Aab Tum Meri Aur Niharo
शरणागति अब तुम मेरी ओर निहारो हमरे अवगुन पै नहि जाओ, अपनो बिरुद सम्भारो जुग जुग साख तुम्हारी ऐसी, वेद पुरानन गाई पतित उधारन नाम तिहारो, यह सुन दृढ़ता आई मैं अजान तुम सम कुछ जानों, घट घट अंतरजामी मैं तो चरन तुम्हारे लागी, शरणागत के स्वामी हाथ जोरि के अरज करति हौं, अपनालो गहि […]
Aaj Rawal Main Jay Jaykar
श्रीश्री राधा प्राकट्य आज रावल में जय-जयकार भयो यहाँ वृषभानु गोप के, श्री राधा अवतार सज-धज के सब चलीं वेग तें, गावत मंगलाचार पृथ्वी पर त्रिभुवन की शोभा, रूप रासि सुखसार निरखत गावत देत बधाई, तभी भीर भई द्वार ‘परमानँद’ वृषभानु- नंदिनी, जोरी नंदकुमार
Rishi Muni Sab Dev Pukar Rahe
परब्रह्म श्रीकृष्ण ऋषि मुनि सब देव पुकार रहे, श्रीकृष्ण हरे गोविन्द हरे उन विश्वंद्य का संकीर्तन हो आर्तवाणि से दु:ख टरे असुरों के अत्याचारों से, हो रहा घना था धर्म-नाश सब देव गये गोलोक धाम, जो है प्रसिद्ध श्रीकृष्ण-वास इक दृश्य अलौकिक वहाँ देख, आश्चर्य चकित सब देव हुए नारायण, नरसिंह, राम, हरि, श्री कृष्ण-तेज […]
Kalyan Mai Durga Devi
माँ दुर्गा स्तुति कल्याणमयी दुर्गादेवी, मैया को मेरा नमस्कार रक्ताम्बर से जो अंलकृता, गिरिराज सुता को नमस्कार विष्णुमाया को नमस्कार, हे व्याधि-विनाशिनि नमस्कार हे कार्तिकेय गणपति माता, चरणों में सादर नमस्कार शिव वाम भाग में जो स्थित, कैलास-वासिनी नमस्कार जो सभी प्राणियों में चेतन, उन सर्वव्यापी को नमस्कार माँ जगन्मोहिनी जगदम्बे, ज्योत्स्नामयी को नमस्कार हे […]