Aab Jago Mohan Pyare
प्रभाती अब जागो मोहन प्यारे, तुम जागो नन्द दुलारे हुआ प्रभात कभी से लाला, धूप घरों पर छाई गोपीजन आतुरतापूर्वक, तुम्हें देखने आर्इं ग्वाल-बाल सब खड़े द्वार पर, कान्हा ली अँगड़ाई गोपीजन सब मुग्ध हो रहीं, निरखें लाल कन्हाई जसुमति मैया उठा लाल को, छाती से लिपटाये चन्द्रवदन को धुला तभी, माँ मक्खन उसे खिलाये
Aaj Sakhi Raghav Ki Sudhi Aai
स्मृति आज सखि! राघव की सुधि आई आगे आगे राम चलत है, पीछे लक्ष्मण भाई इनके बीच में चलत जानकी, चिन्ता अधिक सताई सावन गरजे भादों बरसे,पवन चलत पुरवाई कौन वृक्ष तल भीजत होंगे, राम लखन दोउ भाई राम बिना मोरी सूनी अयोध्या, लक्ष्मण बिन ठकुराई सीता बिन मोरी सूनी रसोई, महल उदासी छाई
Ek Hi Swaroop Radhika Krishna
युगल सरकार एक ही स्वरूप राधिका कृष्ण, लीला रस हेतु ही पृथक रूप एक प्राण हैं श्री राधा मोहन, अरु प्रीति परस्पर भी अनूप राधा रानी है पूर्ण शक्ति, गोवर्धन-धारी शक्तिमान श्रीकृष्ण पुकारे राधा को, मुरली में गूँजे वही तान आह्लाद रूपिणी श्री राधा, श्री विग्रह उनका चपला सा मुख की सुंदरता अद्वितीय और हाव-भाव […]
Kaha Karun Vaikuntha Hi Jaaye
ब्रज महिमा कहा कँरू वैकुण्ठ ही जाये जहाँ नहिं नंद जहाँ न जसोदा, जहाँ न गोपी ग्वाल न गायें जहाँ न जल जमुना को निर्मल, जहँ नहिं मिले कदंब की छायें जहाँ न वृन्दावन में मुरली वादन सबका चित्त चुराये ‘परमानंद’ प्रभु चतुर ग्वालिनि, व्रज तज मेरी जाय बलाये
Khelat Gupal Nav Sakhin Sang
होली खेलत गुपाल नव सखिन संग, अंबर में छायो रंग रंग बाजत बेनु डफ और चंग, कोकिला कुहुक भरती उमंग केसर कुमकुम चंदन सुंगध, तन मन सुध बिसरी युवति वृंद कोइ निरखत है लोचन अघाय,लीनो लपेटि आनंदकंद झोरी भर-भर डारत गुलाल, मन में छाई भारी तरंग
Chalo Man Kalindi Ke Tir
कालिंदी कूल चलो मन कालिन्दी के तीर दरशन मिले श्यामसुन्दर को, हरे हिये की पीर तरु कदम्ब के नीचे ठाड़े, कूजत कोयल कीर अधर धरे मुरली नट-नागर, ग्वाल बाल की भीर मोर-मुकुट बैजंती माला, श्रवणन् लटकत हीर मन्द मन्द मुस्कान मनोहर, कटि सुनहरो चीर रास विलास करे मनमोहन, मन्थर बहे समीर शोभित है श्री राधा-माधव, […]
Chaitanya Maha Prabhu Ki Jay Jay
चैतन्य महाप्रभु चैतन्य महाप्रभु की जय जय, जो भक्ति भाव रस बरसाये वे विष्णुप्रिया के प्राणनाथ, इस धरा धाम पर जो आये वे शचीपुत्र गौरांग देव प्रकटे, सबके मन हर्षाये हे देह कान्ति श्री राधा सी, जो भक्तों के मन को भाये रस के सागर चैतन्य देव, श्री गौर चन्द्र वे कहलाये आसक्ति शून्य वह […]
Jay Jay Brajraj Kunwar
श्रीकृष्ण चरित्र जय जय ब्रजराज कुँवर, शोभित सुखकारी मोर-मुकुट मस्तक पर, पीताम्बर धारी मुरलीधर श्याम वर्ण, जमुना तट चारी संग ग्वाल गोपीजन, ब्रजजन बलिहारी मुनि-मन-हर मंद हँसन, गुंज माल धारी नृत्यत नटवर सुवेश, सोहत बनवारी हरत मदन-मद अशेष, राधा मनहारी
Jo Dhanush Ban Dhare
श्रीराम स्तवन जो धनुष-बाण धारे, कटि पीत वस्त्र पहने वे कमल-नयन राघव, सर्वस्व हैं हमारे वामांग में प्रभु के, माँ जानकी बिराजै नीरद सी जिनकी आभा, आया शरण तुम्हारे रघुनाथ के चरित का, कोई न पार पाये यश-गान होता जिनका, रघुनाथ पाप हारी शिव-धनुष जिसने तोड़ा, मिथिला से नाता जोड़ा असुरों के जो विनाशक, रक्षा […]
Tulsi Maharani Ko Pranam
तुलसी महिमा तुलसी महारानी को प्रणाम पटरानी ये ही श्री हरि की, जो अद्वितीय लोकाभिराम शालीग्राम के शीश चढ़े वे, हरि अर्चन इनसे ही हो सुख शांति स्वास्थ्य भी दे हमको, जब श्रद्धा से जल सिंचन हो जो भोग लगे नारायण को, तुलसी के बिना नहीं स्वीकारे महिमा अपार तुलसीजी की, माँ भक्ति दान दो, […]