Hari Tum Haro Jan Ki Pir

पीड़ा हरलो हरि तुम हरो जन की भीर द्रौपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर भक्त कारन रूप नरहरि, धर्यो आप सरीर हरिणकस्यप मारि लीन्हौं, धर्यो नाहिं न धीर बूड़तो गजराज राख्यौ, कियो बाहर नीर दासी ‘मीराँ’ लाल गिरिधर, हरो म्हारी पीर

Din Yu Hi Bite Jate Hain Sumiran Kar Le Tu Ram Nam

नाम स्मरण दिन यूँ ही बीते जाते हैं, सुमिरन करले तूँ राम नाम लख चौरासी योनी भटका, तब मानुष के तन को पाया जिन स्वारथ में जीवन खोया, वे अंत समय पछताते हैं अपना जिसको तूँने समझा, वह झूठे जग की है माया क्यों हरि का नाम बीसार दिया, सब जीते जी के नाते हैं […]

Sajanwa Nainan Mere Tumhari Aur

हरि दर्शन सजनवा नैनन मेरे तुमरी ओर विरह कमण्डल हाथ लिये हैं, वैरागी दो नैन दरस लालसा लाभ मिले तो, छके रहे दिन रैन विरह भुजंगम डस गया तन को, मन्तर माने न सीख फिर-फिर माँगत ‘कबीर’ है, तुम दरशन की भीख

Nek Thaharija Shyam Bat Ek Suni Ja Mori

राधा के श्याम नेंक ठहरि जा श्याम! बात एक सुनि जा मेरी दौर्यो जावै कहाँ, दीठि चंचल अति तोरी ब्रज में मच्यो चवाउ, बात फैली घर-घर में कीरति रानी लली धँसी है, तेरे उर में निज नयननि निरख्यो न कछु, सुन्यो सुनायो ही कह्यो गोरी भोरी छोहरी, को चेरो तू बनि गयो

Bhajan Ko Namahi Nam Bhayo

भजन महिमा भजन को नामहि नाम भयो जासों द्रवहि न प्राननाथ, वह कैसे भजन भयो कर माला, मुख नाम, पै न मन में कोई भाव रह्यो केवल भयो प्रदरसन, लोगन हूँ ने भगत कह्यो पायो मानुष जन्म, वृथा ऐसे ही समय गयो मन में साँची लगन होय सो, साँचो भजन कह्यो बिरह व्यथा में बीतहिं […]

Shyam Binu Bairin Rain Bhai

विरह व्यथा स्याम बिनु बैरिन रैन भई काटे कटत न घटत एक पल, सालत नित्य नई पल भर नींद नयन नहिं आये, तारे गिनत गई उलटि-पुलटि करवट लैं काटूँ, ऐसी दशा भई कहा बात मैं कहूँ गात की, जात न कछु कही अँखियन में पावस सी छाई, जब पल रूकत नहीं भये निठुर ऐसे नँदनंदन, […]

Aaj Sakhi Shyam Sundar

मुरली का जादू आज सखी श्याम सुंदर बाँसुरी बजाये मोर-मुकुट तिलक भाल, पग में नूपुर सुहाये बिम्बाधर मुरलीधर, मधुर धुन सुनाये यमुना को रुकत नीर, पक्षीगण मौन भये धेनू मुख घास डार, धुनि में मन लाये त्रिभुवन में गूँज उठी, मुरली की मधुर तान समाधि भी गई टूट, योगी मन भाये बंशी-स्वर सुन अपार, भूले […]

Anguli Par Dhar Giriraj

गिरिधारी अँगुली पर धर गिरिराज नाम गिरधारी पायो है बन्द हुयो सुरपति पूजन, गिरिराज पुजायो है सवा लाख मण सामग्री को, भोग लगायो है पड़ी स्वर्ग में खबर, क्रोध शचीपति को आयो है मूसलधार अपार बहुत ही, जल बरसायो है पड़ी न ब्रज पर बूँद, इन्द्र मन में घबरायो है ब्रजवासी सब कहें श्याम, गिरिराज […]

Ab Main Koun Upay Karu

असमंजस अब मैं कौन उपाय करूँ जेहि बिधि मनको संसय छूटै, भव-निधि पार करूँ जनम पाय कछु भलो न कीन्हों, ताते अधिक डरूँ गुरुमत सुन के ज्ञान न उपजौ, पसुवत उदर भरूँ कह ‘नानक’ प्रभु बिरद पिछानौ, तब मैं पतित तरूँ 

Uth Jaag Musafir Bhor Bhai

चेतावनी उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है जो सोवत है सो खोवत है, जो जागत है सो पावत है अब नींद से अँखियाँ खोल जरा, ओ बेसुध प्रभु से ध्यान लगा यह प्रीति करन की रीति नहीं, सब जागत है तू सोवत है नादान, भुगत करनी अपनी, ओ पापी पाप […]