Jo Sukh Braj Me Ek Ghari

ब्रज का सुख जो सुख ब्रज में एक घरी सो सुख तीनि लोक में नाहीं, धनि यह घोष पुरी अष्ट सिद्धि नव निधि कर जोरे, द्वारैं रहति खरी सिव-सनकादि-सुकादि-अगोचर, ते अवतरे हरी धन्य धन्य बड़ भागिनि जसुमति, निगमनि सही परी ऐसे ‘सूरदास’ के प्रभु को, लीन्हौ अंक भरी

Nand Dwar Ek Jogi Aayo Singi Nad Bajayo

शिव द्वारा दर्शन नंद द्वार इक जोगी आयो सिंगी नाद बजायो सीस जता ससि बदन सोहायो, अरुन नयन छबि छायो रोवत खीजत कृष्ण साँवरो, रहत नहीं हुलरायो लियो उठाय गोद नँदरानी, द्वारे जाय दिखायो अलख अलख करि लियो गोद में, चरन चूमि उर लायो श्रवण लाग कछु मंत्र सुनायो, हँसि बालक किलकायो चिर-जीवौ सुत महरि […]

Sun Ri Sakhi Bat Ek Mori

ठिठोली सुन री सखी, बात एक मेरी तोसौं धरौं दुराई, कहौं केहि, तू जानै सब चित की मेरी मैं गोरस लै जाति अकेली, काल्हि कान्ह बहियाँ गही मेरी हार सहित अंचल गहि गाढ़े, इक कर गही मटुकिया मेरी तब मैं कह्यौ खीझि हरि छोड़ौ, टूटेगी मोतिन लर मेरी ‘सूर’ स्याम ऐसे मोहि रीझयौ, कहा कहति […]

Ghadi Ek Nahi Aavade

विरह व्यथा घड़ी एक नहीं आवड़े, तुम दरशन बिन मोय तुम हो मेरे प्राणजी, किस विधि जीना होय दिवस तो हाय बिता दियो रे, रैन जँवाई सोय जो मैं ऐसो जाणती रे, प्रीति किया दुख होय नगर ढिंढोरो पीटती रे, प्रीति न करियो कोय पंथ निहारूँ डगर बुहारूँ, ऊभी मारग जोय ‘मीराँ’ को प्रभु कब […]

Ham To Ek Hi Kar Ke Mana

आत्म ज्ञान हम तो एक ही कर के माना दोऊ कहै ताके दुविधा है, जिन हरि नाम न जाना एक ही पवन एक ही पानी, आतम सब में समाना एक माटी के लाख घड़े है, एक ही तत्व बखाना माया देख के व्यर्थ भुलाना, काहे करे अभिमाना कहे ‘कबीर’ सुनो भाई साधो, हम हरि हाथ […]

Ek Aur Vah Kshir Nir Main Sukh Se Sowen

श्री राधाकृष्ण एक ओर वह क्षीर नीर में, सुख से सोवैं करि के शैया शेष लक्ष्मीजी, जिन पद जोवैं वे ही राधेश्याम युगल, विहरत कुंजनि में लोकपाल बनि तऊ चरावत, धेनु वननि में निज ऐश्वर्य भुलाय कें, करैं अटपटे काम है तेज पुंज उन कृष्ण को, बारम्बार प्रणाम है

Nek Thaharija Shyam Bat Ek Suni Ja Mori

राधा के श्याम नेंक ठहरि जा श्याम! बात एक सुनि जा मेरी दौर्यो जावै कहाँ, दीठि चंचल अति तोरी ब्रज में मच्यो चवाउ, बात फैली घर-घर में कीरति रानी लली धँसी है, तेरे उर में निज नयननि निरख्यो न कछु, सुन्यो सुनायो ही कह्यो गोरी भोरी छोहरी, को चेरो तू बनि गयो

Ek Ram Bharosa Hi Kali Main

राम भरोसा एक राम भरोसा ही कलि में वर्णाश्रम धर्म न दिखे कहीं, सुख ही छाया सबके मन में दृढ़ इच्छा विषय भोग की ने, कर्म, भक्ति, ज्ञान को नष्ट किया वचनों में ही वैराग्य बचा और वेष ने सबको लूट लिया सच्चे मन से जो जीवन में, रामाश्रित कोई हो पाये भगवान अनुग्रह से […]

Ek Hi Swaroop Radhika Krishna

युगल सरकार एक ही स्वरूप राधिका कृष्ण, लीला रस हेतु ही पृथक रूप एक प्राण हैं श्री राधा मोहन, अरु प्रीति परस्पर भी अनूप राधा रानी है पूर्ण शक्ति, गोवर्धन-धारी शक्तिमान श्रीकृष्ण पुकारे राधा को, मुरली में गूँजे वही तान आह्लाद रूपिणी श्री राधा, श्री विग्रह उनका चपला सा मुख की सुंदरता अद्वितीय और हाव-भाव […]